- आईआईटी के विशेषज्ञ जापान के तकनीकी संस्थान संग मिलकर कर रहे तैयार
- तीन से पांच साल के बच्चों के लिए होगा मददगार, पहले चरण में बनाए दो रोबोट
प्रारब्ध रिसर्च डेस्क, लखनऊ
बच्चों में आत्मीयता और प्रेम के साथ उन्हें संस्कारी बनाया जाएगा, ताकि उनमें आगे चलकर मानवीय मूल्यों की समझ पैदा हो सके। हर परिस्थितयों से निपटने में सक्षम हो सकें।
आईआईटी कानपुर का कॉग्निटिव साइंस विभाग ऐसा रोबोट तैयार कर रहा है, जो बच्चों के साथ खेलेगा। उन्हें चलना-फिरना, बातचीत करने का तौर-तरीका बताएगा। उनमें गुड टच एवं बैड टच की समझ पैदा करेगा। दोस्त बनकर घर में रहेगा और उन्हें नैतिकता, आदर्श और संस्कारों से परिपूर्ण करेगा।
बच्चों के साथ दोस्त की तरह रहते हुए उन्हें अच्छी और बुरे की परख भी बताएगा। माता-पिता और सगे-संबंधियों से व्यवहार करने की सीख भी देगा। कॉग्निटिव साइंस के विशेषज्ञ भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी के सहयोग से रोबोट तैयार कर रहे हैं।
जापान से तकनीकी सहयोग
रोबोट में बच्चों के मनोदशा के हिसाब से प्रोग्रामिंग की जा रही है। इसमें जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रो. हिरोआकी तकनीकी सहयोग कर रहे हैं।
यह रोबोट वर्ष 2021 के अंत तक तैयार हो जाएगा। पहले चरण में दो रोबोट तैयार किए जा चुके हैं। उनका संस्थान के क्रिस्लय स्कूल और केंद्रीय विद्यालय आईआईटी में ट्रायल हो चुका है।
रंग बदलने वाला रोबोट
कॉग्निटिव साइंस के हेड प्रो. बिशाख भट्टाचार्या के मुताबिक यह रोबोट पीएचडी शोधार्थी अरविंद के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है।
उसने पहले खिलौने को बच्चों को समझाने वाला बनाया था, जिसके बाद यह आइडिया आया। पहले चरण में गिरगिट की तरह रोबोट बनाया गया है। यह रंग बदलने वाला है। किसी भी रंग के पास ले जाने से यह अपना रंग बदल लेता है।
बच्चों के हावभाव का डिजाइन
रोबोट सेंसर, कैमरे, लैंस, जीपीएस, अलर्ट, मैसेजिंग, अलार्म और सिग्नल देने वाला रहेगा। इसमें यह खूबियां बच्चों के मनोभाव के अनुरूप डाली जाएंगी।
भूख लगने में, पेट दर्द होने पर, गुस्सा या चिड़चिड़ापन में क्या करते हैं। सामान फेंकना, रूठ जाना आदि में कैसा बर्ताव होता है। सब कुछ रोबोट में इंस्टॉल होगा। यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, प्रोग्रामिंग आदि पर आधारित रहेगा।
बच्चों को पढ़ाएगा रोबोट
प्रो. भट्टाचार्या के मुताबिक बच्चों को इस तरह की शिक्षा देने वाला देश का पहला रोबोट होगा। इसके निर्माण डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जैपनीज़ सोसाइटी प्रोमोशन साइंस की ओर से आर्थिक सहयोग मिल रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को इस तरह की शिक्षा देने वाला देश का पहला रोबोट होगा। इसके निर्माण डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जैपनीज़ सोसाइटी प्रोमोशन साइंस की ओर से आर्थिक सहयोग मिल रहा है।
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