- सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर चंदपा की बिटिया के परिजनों से मिलीं
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, हाथरस
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने शुक्रवार को चंदपा की बिटिया के परिजनों से मुलाकात की। उसके बाद उन्होंने कहा कि सीबीआई भी अब सरकारी नियंत्रण वाली संस्था हो चुकी है। इसलिए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जरूरी है कि इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। जांच कमेटी के जजों का निर्धारण बिटिया के परिजनों की सहमति से होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि परिजनों की बातों में कोई विरोधाभास नहीं है। अगर कॉल डिटेल सामने आईं हैं, तो परिजनों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए। परिजनों अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। हाथरस के अस्पताल में इलाज तक नहीं किया गया।
पहले अलीगढ़ भेजा, फिर सफदरजंग
पीड़िता को अलीगढ़ भेज दिया था। चिकित्सकों को चोटें देखकर पूरी जांच करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन चिकित्सक पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। एम्स ले जाने के लिए परिजनों ने कभी मना नहीं किया, लेकिन एम्स की जगह सफदरजंग अस्पताल भेज दिया। परिजनों की सहमति से अगर पोस्टमार्टम किया गया है, तो परिवार वालों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी जाए।
डीएम ने क्य-क्या नहीं कहा
पीड़ित परिवार को डीएम ने बुलाकर क्या-क्या नहीं कहा। पूरा वाक्या और घटनाक्रम पीड़ित परिवार बयां कर चुका है। परिजनों की सहमति से ही जजों का निर्धारण किया जाना चाहिए, ताकि उनका विश्वास बना रहे।
यूपी में रेप की घटनाओं का अनुपात अधिक
यूपी में बलात्कार की घटनाओं का अनुपात ज्यादा है। पुलिस की सुरक्षा इनको कब तक रहेगी, ये भी विचारणीय प्रश्न है। उन्होंने कहा कि परिजनों ने कभी आर्थिक मदद की मांग नहीं की है। सीएम योगी को अपने अधिकारियों के बयानों पर कंट्रोल रखना चाहिए। सीएम को इस तरह की घटनाओं पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
if you have any doubt,pl let me know