Covid-19 : इधर-उधर थूकने की बदलें आदत

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  • कोरोना संक्रमण रोकना हम सबकी साझा जिम्मेदारी

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी मान चुका है कि कोरोना काल में पान मसाला, गुटखा आदि थूकने वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग घातक साबित हो रहा है। यह तथ्य कोरोना वायरस का प्रसार ड्रॉपलेट्स, थूक और स्लाईवा से होता है। प्रदेश के कानपुर में बड़े पैमाने पर पान मसाला का उत्पादन होता है, जिससे सूबे में उपयोग भी अधिक है। लोग इसे खाकर इधर-उधर थूकते रहते हैं, जिससे कोरोना का प्रसार तेजी से होने का खतरा रहता है।


महिला उद्योग व्यापार मंडल की अध्यक्ष डॉ. अनुपम जैन कहती हैं कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की लार में कोरोना वायरस 24 से 72 घंटे तक सक्रिय रहता है, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना अधिक रहती है। सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से टीबी जैसी अन्य संक्रामक बीमारियां फैलती हैं।


डॉ. अनुपम जैन का कहना है कि पान मसाला खाकर जहां-तहां थूकने की आदत खराब है। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोविड-19 संक्रमण को रोकना हम सब की जिम्मेदारी है। अच्छे नागरिक होने के नाते जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पान मसाला खाने वाले व्यक्ति को बंद पीकदान में ही थूकने की सलाह दें, अगर संभव हो तो उनसे छोड़ने का आग्रह भी करें।


कड़ाई से निपटने की जरूरत


सार्वजनिक स्थलों पर थूकने वालों से कड़ाई से निपटने की जरूरत है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी ऐसे लोगों से सख्ती से पेश आए और उन्हें दंडित करे, जो पान मसाला, गुटखा खाकर जहां-तहां थूकते हैं।


जागरूक के लिए अभियान जरूरी


कोविड काल में जहां-तहां थूकने वालों को जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।


बुरी आदतों से बच्चों को कराएं रूबरू


स्कूलों में ही बच्चों को इस बुरी आदत के बारे में बताया जाए। ताकि वह घर में लोगों को रोक व टोक सकें। खुद भी बड़े होकर ऐसी आदत से दूर रहें।


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