Covid-19 : नवंबर के पहले सप्ताह से कोरोना वैक्सीन का फेज थ्री ट्रॉयल

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  • स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रॉयल की अनुमति
  • वर्ष 2021 की शुरुआत में वैक्सीन के लांच होने की संभावना

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


देश में कोरोना वायरस की स्वदेशी वैक्सीन के फेज थ्री (तीसरे चरण) के ट्रॉयल की मंजूरी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने प्रदान कर दी है। प्रदेश के कानपुर में नवंबर के पहले सप्ताह से तीसरे चरण के ट्रॉयल के लिए वॉलंटियर्स का पंजीकरण किया जाएगा। स्वदेशी वैक्सीन पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) एवं भारत बायोटेक काम कर रहे हैं। फेज वन एवं फेज टू की सफलता को देखते हुए वर्ष 2021 की शुरुआत में वैक्सीन के लांच होने की संभावना जताई जा रही है।


आइसीएमआर ने प्रदेश के कानपुर के आर्य नगर स्थित प्रखर हॉस्पिटल में स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के ट्रॉयल की अनुमति प्रदान की है। वैक्सीन ट्रॉयल के चीफ गाइड प्रो. जेएस कुशवाहा ने बताया कि हैदराबाद स्थित कंपनी ने 2 अक्टूबर को डीसीजीआइ को वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रॉयल की अनुमति मांगी थी। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण में 12 राज्यों में 22,000 से वॉलंटियर्स पर परीक्षण किया जाना है।


कानपुर में 1,000 वैक्सीन की डिमांड


प्रो. कुशवाहा ने कहा कि तीसरे चरण के ट्रॉयल के लिए मारामारी मची हुई है। डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर एवं प्रशासनिक अधिकारी तीसरे चरण के ट्रॉयल में ही वैक्सीन लगवाना चाह रहे हैं। हमारे सेंटर को पांच सौ वैक्सीन मिलने की बात कही जा रही है। मांग को देखते हुए आइसीएमआर को पत्र लिखकर एक हजार वैक्सीन की डिमांड की है।


एसजीपीजीआइ व बीआरडी मेडिकल कॉलेज भी शामिल


प्रदेश में दो चरण के ट्रॉयल कानपुर के सेंटर में ही हुए हैं। तीसरे चरण के ट्रॉयल के लिए लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) एवं गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज को शामिल किया जा रहा है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आइसीएमआर को पत्र लिखा है। आइसीएमआर ने अनुमति भी प्रदान कर दी है।


बिना ट्रॉयल पूरा किए, वैक्सीन लगाना संभव नहीं


प्रो. कुशवाहा ने बताया कि तीसरे चरण का ट्रॉयल पूरा होने के बाद ही वैक्सीन किसी को लगाई जा सकती। देश भर में हुए तीसरे फेज की ट्रॉयल की रिपोर्ट डीसीजीआइ को भेजी जाएगी। उसके बाद परिणाम का अध्ययन करने के बाद ही वहां से अनुमति मिलेगी। उसके बाद ही वैक्सीन लांच की जाएगी। तब जाकर आमजन को लगाना संभव होगा।


ऐसे तैयार की वैक्सीन


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (आइसीएमआर) के

सहयोग से स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन तैयार की है। आमजन में कोरोना वायरस के खिलाफ शक्तिशाली इम्यून सिस्टम विकसित करने के लिए कोविड-19 के मरे हुए वायरस को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। दो चरण में पर्याप्त एंटबाडी बनने की बात सामने आई है।


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