- आमान परिवर्तन के बाद रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का कार्य भी हो गया है पूरा
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर
ऐतिहासिक एवं पौराणिक धरती बिठूर से एक बार फिर से ट्रेन के चलने का इंतजार शुरू हो गया है। पहले आमान परिवर्तन का कार्य पूरा हुआ। उसके बाद रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका है। अब रेल मंत्रालय से इस ट्रैक पर ट्रेनों को दौड़ाने के लिए हरी झंडी का इंतजार हो रहा है।
मंधना-बिठूर रेल मार्ग को घाटे का सौदा दिखाते हुए रेलवे के अधिकारियों ने 15 नवम्बर 2005 को ट्रेन का संचालन बंद कर दिया था। ट्रेन बन्द होने से बिठूर के कटरी क्षेत्र में पैदा होने वाले खरबूज, तरबूज एवं अमरूद की दूसरे राज्यों में आपूर्ति प्रभावित होने लगी। क्षेत्रीय किसानों को अपना माल भेजने में दिक्कत होने लगी।
बिठूर की जनता एवं किसानों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बिठूर की जनता एवं ब्रह्मावर्त विकास समिति के अथक प्रयासों का परिणाम रहा कि रेल मंत्रालय ने ऐतिहासिक पौराणिक धरती को रेलवे के मानचित्र से जोड़ने का निर्णय लिया। तात्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आमान परिवर्तन की घोषणा करते हुए रेल बजट में धनराशि भी स्वीकृत कर दी।
उसके बाद भी कार्य में विलंब होने पर फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। तब दिसम्बर 2015 में रेलवे ट्रैक के आमान परिवर्तन का कार्य शुरू हुआ। फरवरी 2019 में कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) ने सर्वे कर रेलवे ट्रैक को हरी झंडी प्रदान कर दी। उसके बाद रेल ट्रैक के विद्युतीकरण का कार्य शुरू हो गया, जो अब पूरा हो गया है। इलेक्ट्रिकल सर्वे के लिए फिर से सीआरएस निरीक्षण करेंगे। सर्वे कार्य जितनी जल्दी पूरा होगा, बिठूर तक ट्रेन उतनी जल्द दौड़ने लगेगी।
ब्रह्मावर्त विकास एवं जन कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार पांडेय ने बताया 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार है। इसमें 5 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान करने यहां आते हैं। इसलिए यह सही समय है ट्रेन चलाने के लिए, यदि ट्रेन नहीं चलाई गई तो पूर्व और पश्चिम से आने वाली ट्रेनों को रोक कर मंधना में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
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