दिनांक 26 अक्टूबर, सोमवार
विक्रम संवत - 2077 (गुजरात 2076), शक संवत 1942
सूर्योदय - 06:39 बजे, सूर्यास्त - 18:05 बजे
अयन - दक्षिणायन, ऋतु - हेमंत, मास - अश्विन
पक्ष - शुक्ल, तिथि - दशमी सुबह 09:00 बजे तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र - शतभिषा 27 अक्टूबर प्रातः 06:33 बजे तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद
योग - वृद्धि 27 अक्टूबर रात्रि 12:40 बजे तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल - सुबह 08:05 बजे से सुबह 09:31 बजे तक
दिशाशूल - पूर्व दिशा में
विशेष
ग्रह प्रवेश : हिंदू मान्यताओं के मुताबिक गृह प्रवेश कार्यक्रम तीन प्रकार का होता हैं:
अपूर्वा : अगर आप नए घर में प्रवेश कर रहे हैं तो इसे अपूर्वा गृह प्रवेश कहा जाएगा।
सपूर्वा : अगर आप लंबे समय के बाद अपने घर में फिर से प्रवेश कर रहे हैं तो इसे सपूर्वा गृह प्रवेश कहते हैं।
द्वांधव : अगर आपने किसी प्राकृतिक आपदा के कारण घर छोड़ दिया है। लंबे समय के बाद घर में पुन: प्रवेश कर रहे हैं तो आपको गृह प्रवेश की पूजा विधि करनी होगी। इसे द्वांधव गृह प्रवेश कहा जाता है।
5 नवंबर, शुक्रवार – दौज
6 नवंबर, शनिवार – तृतीया
10 नवंबर, बुधवार – सप्तमी
20 नवंबर, शनिवार – दौज
29 नवंबर, सोमवार – दशमी
व्रत पर्व विवरण
एकादशी व्रत के लाभ
26 अक्टूबर 2020 सोमवार को सुबह 09:01 बजे से 27 अक्टूबर, मंगलवार को सुबह 10:46 बजे तक एकादशी है। विशेष - 27 अक्टूबर, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें। एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है। जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है, जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और परिवारवालों पर कृपा बरसाते हैं। व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति रहती है। धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है। कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है। परमात्मा प्रसन्न होते हैं। पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ।
भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है। एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है।
एकादशी के दिन यह करें
इस दिन दिया जलाकर विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें। विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें। अगर घर में झगड़े होते हैं तो शांत हों जाएंगे। विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ने से गृह कलह से शांति मिलती है।
एकादशी के दिन यह सावधानी जरूरी
महीने में 15-15 दिन में एकादशी पड़ती है। एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा करता है। वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति अगर व्रत न रख सकें तो चावल का त्याग करना चाहिए।
पंचक
25 अक्टूबर दोपहर 3.24 बजे से 30 अक्टूबर दोपहर 2.56 बजे तक
21 नवंबर रात्रि 10.24 से 26 नवंबर रात्रि 9.20 बजे तक
19 दिसंबर प्रातः 7.16 से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक
एकादशी
पापांकुशा एकादशी- 27 अक्टूबर दिन मंगलवार
रमा एकादशी- 11 नवंबर दिन बुधवार
देवुत्थान एकादशी- 25 नवंबर दिन बुधवार
उत्पन्ना एकादशी- 11 दिसंबर दिन शुक्रवार
मोक्षदा एकादशी- 25 दिसंबर दिन शुक्रवार
प्रदोष
बुधवार, 28 अक्टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
शुक्रवार, 13 नवंबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
शुक्रवार, 27 नवंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
शनिवार, 12 दिसंबर - शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
रविवार, 27 दिसंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
अमावस्या
रविवार, 15 नवंबर कार्तिक अमावस्या
सोमवार, 14 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या
पूर्णिमा
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत
सोमवार, 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा व्रत
बुधवार, 30 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
आज जिनका जन्मदिन है
26 अक्टूबर को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अद्भु त शक्तियों के मालिक हैं। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं।
शुभ दिनांक : 8, 17, 26
शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44
शुभ वर्ष :2024, 2042
ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता
शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी
कैसा रहेगा यह वर्ष
कार्यों में सफलता मिलेगी, जो अभी तक बाधित रहे हैं वे भी सफल होंगे। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे।
नोट : इस बार अलग से साप्ताहिक राशिफल दिया जा रहा है। पढ़ने के लिए prarabdhnews.com पर जाएं।
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