22 अक्टूबर, गुरुवार
विक्रम संवत 2077, शक संवत 1942
सूर्योदय - 06:38 बजे, सूर्यास्त - 18:07 बजे
अयन : दक्षिणायन, ऋतु : हेमंत
मास : अश्विन, पक्ष : शुक्ल
तिथि षष्ठी रात्रि 07:39 बजे तक तत्पश्चात सप्तमी
नक्षत्र - पूर्वाषाढा 23 अक्टूबर रात्रि 01:00 बजे तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
योग - सुकर्मा 22 अक्टूबर रात्रि 02:37 बजे तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - दोपहर 01:48 बजे से शाम 03:14 बजे तक
दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण - सरस्वती पूजन, हेमंत ऋतु प्रारंभ
विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
वास्तु शास्त्र : किचन में दवाएं रखने की आदत वास्तु के अनुसार गलत मानी जाती है। ऐसा करने से लोगों की सेहत में उतार-चढाव होता रहता है।
इन तिथियों का उठाएं लाभ
25 अक्टूबर : दशहरा, विजयादशमी ( पूरा दिन शुभ महूर्त ), संकल्प, शुभारम्भ, नूतन कार्य , सीमोल्लंघन के लिए विजय मुहूर्त गुरु-पूजन, अस्त्र-शस्त्र- शमी वृक्ष – आयुध-वाहन पूजन
सर्वसिद्धिदायक, इस दिन बिना मुहूर्त भी किए जा सकते हैं ये शुभ कार्य अश्विन मास की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दुर्गा पूजा की दशमी तिथि को मनाया जाने वाले दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। कहा जाता है कि दशहरा या विजयादशमी के दिन बिना शुभ मुहूर्त भी शुभ कार्यों को किया जा सकता है। इस दिन किए गए नए कार्यों में सफलता हासिल होती हैं। विजयादशमी या दशहरा के दिन श्रीराम, मां दुर्गा, श्री गणेश और हनुमान जी की अराधना करके परिवार के मंगल की कामना की जाती है। मान्यता है कि दशहरा के दिन रामायण पाठ, सुंदरकांड, श्रीराम रक्षा स्त्रोत करने से मन की मुरादें पूरी होती हैं।
दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है। इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, यज्ञोपवीत संस्कार और भूमि पूजन आदि कार्य शुभ माने गए हैं। विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल दशहरा या विजयादशमी का त्योहार 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा हर साल दीपावली से ठीक 20 दिन पहले मनाया जाता है। हालांकि इस साल नवरात्रि 9 दिन के न होकर 8 दिन में ही समाप्त हो रहे हैं। दरअसल, इस साल अष्टमी और नवमी का एक ही दिन पड़ रही है। 24 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक ही अष्टमी है, उसके बाद नवमी लग जाएगी। जिसके चलते दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारंभ - 25 अक्टूबर को सुबह 07:41 बजे से
विजय मुहूर्त - दोपहर 01:55 मिनट से 02 बजकर 40 तक।
अपराह्न पूजा मुहूर्त - 01:11 मिनट से 03:24 मिनट तक।
दशमी तिथि समाप्त - 26 अक्टूबर को सुबह 08:59 मिनट तक रहेगी
27 अक्टूबर - पापांकुशा एकादशी ( इस दिन उपवास करने से कभी यमयातना नहीं प्राप्त होती | यह स्वर्ग, मोक्ष, आरोग्य, सुंदर स्त्री, धन व मित्र देनेवाली है | इसका व्रत माता, पिता व पत्नी के पक्ष की 10-10 पीढ़ियों का उद्धार करता है |)
30 अक्टूबर - शरद पूर्णिमा खीर चन्द्रकिरणों में रखें (31 अक्टूबर शरद पूर्णिमा व्रत) (27 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक ) रात्रि में चन्द्रमा को कुछ समय एकटक देखें व पूर्णिमा की रात में सुई में धागा पिरोयें, इससे नेत्रज्योति बढती है ।
31 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक - कार्तिक मास व्रत व पुण्यस्नान ( इसमें आँवले की छाया में भोजन करने से पाप नष्ट हो जाता है व पुण्य कोटि गुना होता है |)
8 नवम्बर - रविवारी सप्तमी ( सूर्योदय से सुबह 7: 30 बजे तक), रविपुष्यामृत योग ( सूर्योदय से सुबह 8:46 बजे तक )
11 नवम्बर : रमा एकादशी ( चिन्तामणि व कामधेनु के सामान सर्व मनोरथपूर्तिकारक व्रत), ब्रह्मलीन मातुश्री श्री माँ महँगीबाजी का महानिर्वाण दिवस
13 नवम्बर : धनतेरस, उम दीपदान, नरक चतुर्दशी ( रात्रि में मंत्रजप से मन्त्रसिद्धि)
14 नवम्बर : नरक चतुर्दशी (तैलाभ्यंग स्नान), दीपावली ( रात्रि में किया गया जप-तप, ध्यान-भजन अनंत गुना फलदायी )
16 नवम्बर : नूतन वर्षारम्भ (गुजरात), कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा ( पूरा दिन शुभ मुहूर्त, सर्व कार्य सिद्ध करनेवाली तिथि), भाईदूज, विष्णुपदी संक्रांति ( पुण्यकाल : सुबह 6:55 बजे से दोपहर 1:17 बजे तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल )
पंचक
25 अक्टूबर दोपहर 3.24 से 30 अक्टूबर दोपहर 2.56 बजे तक
21 नवंबर रात्रि 10.24 से 26 नवंबर रात्रि 9.20 बजे तक
19 दिसंबर प्रातः 7.16 से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक
एकादशी
पापांकुशा एकादशी- 27 अक्टूबर दिन मंगलवार
रमा एकादशी- 11 नवंबर दिन बुधवार
देवुत्थान एकादशी- 25 नवंबर दिन बुधवार
उत्पन्ना एकादशी- 11 दिसंबर दिन शुक्रवार
मोक्षदा एकादशी- 25 दिसंबर दिन शुक्रवार
प्रदोष
बुधवार, 28 अक्टूबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
शुक्रवार, 13 नवंबर - प्रदोष व्रत (कृष्ण)
शुक्रवार, 27 नवंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
शनिवार, 12 दिसंबर - शनि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
रविवार, 27 दिसंबर - प्रदोष व्रत (शुक्ल)
अमावस्या
रविवार, 15 नवंबर कार्तिक अमावस्या
सोमवार, 14 दिसंबर मार्गशीर्ष अमावस्या
पूर्णिमा
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत
सोमवार, 30 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा व्रत
बुधवार, 30 दिसंबर मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत।
अाज का राशिफल
मेष : भाग्य साथ देगा। पूजा-पाठ में मन लगेगा। रोजी रोजगार में तरक्की करेंगे। स्वास्थ्य, प्रेम मध्यम, व्यापार सही चलेगा। सूर्यदेव को जल दें। पीली वस्तु पास रखें।
वृषभ : आज परेशानियां रहेंगी। कोई रिस्क न लें। स्वास्थ्य, प्रेम मध्यम, व्यापार ठीक चल रहा है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें। पीली वस्तु का दान करें।
मिथुन : चली आ रही परेशानी दूर होगी। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। शादी तय हो सकती है। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात हो सकती है। पति-पत्नी के बीच की परेशानी दूर होगी। स्वास्थ्य मध्यम रहेगा। प्रेम-व्यापार सब बहुत अच्छा है। भगवान विष्णु की अराधना करें। हरी वस्तु पास रखें।
कर्क : विरोधी परास्त होंगे। रोग, ऋण, शत्रु पर विजय पाएंगे। व्यापार, प्रेम मध्यम, स्वास्थ थोड़ा परेशान करेगा, खराब नहीं है। भगवान शिव को जल दें। लाल वस्तु पास रखें।
सिंह : संतान पक्ष से खुशहाल समाचार मिलेगा। निर्णय लेने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। जो लोग लेखनी से काम करने वाले हैं उनके लिए सुअवसर है। स्वास्थ मध्यम, प्रेम और व्यापार अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें।
कन्या : भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी का अवसर मिलेगा। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम अच्छा और व्यापार के दृष्टिकोण से आप सही चल रहे हैं। पीली वस्तु का दान करें।
तुला : आप द्वारा किया गया पराक्रम आपको सफलता दिलाएगा। थोड़ा शरीर का तापमान बढ़ा हुआ दिख रहा है। स्वास्थ को लेकर सचेत रहें। प्रेम, व्यापार सही चल रहा है। पीली वस्तु का दान करें।
वृश्चिक : वाणी प्रधान कार्यों में सफलता मिलेगी। धनागमन बना रहेगा। कुटुम्बजनों में वृद्धि होगी। स्वास्थ मध्यम, प्रेम, व्यापार सही चलेगा। भगवान विष्णु की अराधना करें। पीली वस्तु पास रखें।
धनु : उत्तम योग है। स्वास्थ अच्छा है। प्रेम मध्यम है। व्यापार में चार चांद लग रहा है। भूमिपति बनेंगे। मां के स्वास्थ अच्छा रहेगा। बढ़िया समय है। पीली वस्तु पास रखें। बजरंग बाण का पाठ करें।
मकर : शुभ कार्यों में खर्च होगा। इसका लाभ आगे चलकर मिलेगा। स्वास्थ अच्छा, प्रेम अच्छा, व्यापार सही चलेगा। पीली वस्तु का दान करें।
कुंभ : रुका हुआ धन मिलेगा। आय के नवीन स्रोत बनेंगे। पुराने स्रोत से भी रुपए आएंगे। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ, प्रेम, व्यापार सब बहुत अच्छा दिख रहा है। पीली वस्तु का दान करें।
मीन : रोजी रोजगार में तरक्की का योग है। पैतृक संपत्ति में इजाफा होगा। कोर्ट कचहरी में विजय के योग हैं। नौकरी में तरक्की मिल सकती है। स्वास्थ, प्रेम, व्यापार सब कुछ उत्तम दिख रहा है। भगवान विष्णु की अराधना करें।
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