- रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के आदेश पर रूट बदल कर चलाई गई ट्रेन
- एक यात्री के लिए राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किमी की तय की दूरी
प्रारब्ध न्यूज डेस्क
रांची स्टेशन पर अनन्या। |
रेलवे प्रशासन को आखिर कर एक युवती की जिद के आगे झुकना पड़ा। एकमात्र महिला यात्री के लिए राजधानी एक्सप्रेस रांची तक चलानी पड़ी। एक मात्र यात्री होने की वजह से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से विशेष अनुमति भी लेनी पड़ी। Khas khabar
टाना भगतों के आंदोलन की वजह से टोरी में रेलवे ट्रैक जाम था। ट्रेन को डाल्टनगंज में रोक कर रेलवे ने यात्रियों को बस आगे भेजने का बंदोबस्त किया था। सभी यात्री ट्रेन से उतर कर बसों में सवार होकर रवाना हो गए। ट्रेन में सफर कर रही अनन्या नामक युवती ने बस से जाने से इनकार कर दिया। वह ट्रेन से ही जाने की बात कहते हुए अड़ गई। उसका कहना था कि बस से जाना होता तो ट्रेन का टिकट क्यों लेती। बस से ही रांची जाती।
राजधानी एक्सप्रेस में सवार अनन्या की जिद से रेलवे अधिकारी परेशान हो गए, क्योंकि टाना भगतों के आंदोलन की वजह से डालटनगंज स्टेशन पर ट्रेन फंसी हुई थी। बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। अंत में उसकी जिद के आगे रेलवे बोर्ड को झुकना पड़ा। राजधानी एक्सप्रेस को शाम चार बजे डालटनगंज से वापस गया ले जाकर गोमो और बोकारो होते हुए रांची के लिए रवाना किया गया।
इकलौती सवारी थी अनन्या
राजधानी एक्सप्रेस में 930 यात्री सवार थे। रेलवे डालटनगंज से 929 यात्रियों को पहले ही बसों से रवाना कर चुका था। रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सवारी को छोड़ने के लिए राजधानी एक्सप्रेस ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की। ट्रेन में इकलौती सवारी अनन्या थी।
मुगलसराय से हुई थी सवार
डालटनगंज रेलवे स्टेशन के प्रबंधक अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि अनन्या वह मुगलसराय से रांची के लिए नई दिल्ली रांची स्पेशल राजधानी एक्सप्रेस में सवार हुई थी। अनन्या ट्रेन की बी-3 कोच में सवार थी। 51 नंबर सीट पर बैठी थी। अनन्या रांची के एचइसी कालोनी की रहने वाली है। वह बीएचयू में पढ़ाई करती है।
बस से भेजने का आदेश
लातेहार जिला स्थित टोरी में टाना भगतों के रेलवे ट्रैक पर चल रहे आंदोलन की वजह से डालटनगंज में ट्रेन रोक दी गई। पहले तो अधिकारियों ने सोचा कि आंदोलन खत्म हो जाएगा तो ट्रेन रांची पहुंचा दी जाएगी, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं हुआ तो रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को जानकारी दी गई। उन्होंने यात्रियों को बसों से रांची भेजने का आदेश दिया। ट्रेन डालटनगंज में ही खड़ी रखने का निर्देश दिया। यात्री बस से चले गए लेकिन अनन्या अड़ गई।
कार से जाने को नहीं हुई तैयार
रेलवे अधिकारियों ने अनन्या के समक्ष कार से रांची भेजने का प्रस्ताव रखा, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। वह जिद पर अड़ी रही कि राजधानी एक्सप्रेस से ही रांची जाएगी। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को सारी बात बताई गई। विचार-विमर्श के बाद उन्होंने डीआरएम को निर्देश दिया कि अनन्या को राजधानी एक्सप्रेस से रांची भेजें। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। ट्रेन को डालटनगंज से सीधे रांची आना था। डालटनगंज से रांची की दूरी 308 किलोमीटर है। मगर, ट्रेन को गया से गोमो व बोकारो होकर रांची रवाना करना पड़ा।
सुरक्षा में कई आरपीएफ महिला सिपाहीं
अनन्या की सुरक्षा के लिए आरपीएफ की कई महिला सिपाही तैनात की गई थीं। रेलवे के एक वरीय अधिकारी के अनुसार, 25 वर्ष से वह रेलवे में कार्यरत हैं, लेकिन याद नहीं कि एक यात्री के लिए राजधानी ने 535 किलोमीटर की दूरी तय की। ट्रेन रात 1.45 बजे रांची स्टेशन पहुंची।
टिकट लिया है, रांची तक छोड़ें
स्कूटी से घर के लिए रवाना होती अनन्या। |
गोमो स्टेशन पर अनन्या ने कहा कि डालटनगंज में पहले तो ट्रेन घंटों खड़ी रही। फिर रेलवे ने कुछ खटारा बस दिखाकर जाने को कहा। सभी यात्री एवं कोच अटेंडेंट भी उतरने लगे। मैंने कहा कि यात्री को रांची तक पहुंचाना आप की जिम्मेदारी है। अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। फिर भी कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। मैं अंदर बैठी रही, रेलवे के कई अधिकारी व कुछ यात्री मुझे उतारने की कोशिश करने लगे। बोले, जिद छोड़िए, सिर्फ आपके लिए ट्रेन नहीं चलेगी। मैंने हार नहीं मानी और स्पष्ट कह दिया कि रेलवे मुझे गंतव्य तक पहुंचाए। अंतत: शाम को रेलवे को ट्रेन चलानी पड़ी। अनन्या का कहना था कि पूरा मामला मिस मैनेजमेंट का है। रात में एनाउंस किया गया था कि ट्रेन डालटनगंज होकर नहीं जाएगी। Khas khabar
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