Breaking News-Allahabad High Court : डाॅ. कफील खान को बड़ी राहत

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  • रासुका के तहत निरुद्ध किए जाने को किया अवैध करार, तत्काल रिहाई का निर्देश
  • अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में किए गए थे निरुद्ध

file photo
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, प्रयागराज


गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। 


Khas Khabarइलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी रासुका के तहत निरुद्धता को अवैध करार देते हुए रद कर दिया है। दो बार रासुका के तहत निरुद्धता की अवधि बढाए जाने को अवैध करार देते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। 


यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति एसडी सिंह की खंडपीठ ने डॉ. कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।Khas Khabar


कोर्ट ने कहा कि डाॅ. कफील को जिस हेट स्पीच को लेकर रासुका के तहत निरुद्ध करने के बाद भी उसकी प्रति उन्हें नहीं दी गई। स्पीच की डिवाइस की काॅपी भी नहीं मुहैया कराई गई, जिससे उन्हें निरुद्ध किए जाने के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी को प्रत्यावेदन देने और सुनवाई के अधिकार से भी वंचित किया गया।


 निरुद्धता की अवधि भी दो बार बढ़ाई गई। आदेश की प्रति भी नहीं दी गई, सिर्फ टेलीग्राम से सूचित किया गया। कानून के तहत आदेश की प्रति भी देना चाहिए था। ऐसा न करके संविधान के अनुच्छेद 22 (5) का उल्लंघन किया गया है।


मालूम हो कि 10/11 अगस्त 2017 को बाबा राघवदास अस्पताल गोरखपुर में आक्सीजन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने के कारण दर्जनों बच्चों की मौत हो गयी थी। 22 अगस्त 2017 को डा कफील खान को निलंबित कर दिया गया। इसी घटना को लेकर एफआइआर दर्ज करायी गयी। दो सितंबर 2017 को डा कफील खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।


12 दिसंबर 2019 को सीएए के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन के दौरान डाॅ. कफील खान, योगेंद्र यादव ने भड़काऊ भाषण दिए। अलीगढ़, सिविल लाइंस थाने में एफआइआर दर्ज की गई थी।


 29 जनवरी 2020 को डाॅ. कफील खान को गिरफ्तार कर मथुरा जेल भेज दिया था। 10 फरवरी 2020 को सीजेएम अलीगढ़ ने डाॅ. कफील की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। 


13 फरवरी को जिलाधिकारी अलीगढ़ ने रासुका के तहत निरुद्ध करने का आदेश दे दिया। कफील की मां ने रासुका की वैधता को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए रासुका के तहत निरुद्धता को रद कर दिया है।Khas Khabar

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