Khas Khabar:उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए यूपी सरकार ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने में लगाता प्रयासरत है ।इसी क्रम में गाजियाबाद में इसी महीने नया प्लांट शुरू करने की योजना बनाई है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या से ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ रही है। इस को ध्यान में रखते हुए योगी प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए नए-नए उपायों पर विचार कर रही है इस व्यवस्था के समन्वय की जिम्मेदारी सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार को सौंपी गई है ।
आलोक कुमार के अनुसार वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तरल आक्सीजन बनाने के सिर्फ सिर्फ दो प्लांट गाजियाबाद और नोएडा में है लगभग 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं। कोरोना महामारी में यह पर्याप्त नहीं है सामान्य दिनों में से काम चल जाता है वर्तमान समय में 250 से 300 मीट्रिक टर्न ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है ।इस कमी को पूरा करने के लिए ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए तेजी से कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव आलोक कुमार ने बताया मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
-पहला इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन उत्पादको को मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के लिए तैयार किया जा रहा है। अभी तक 60 उद्यमी की जानकारी मिली है। इनमें से जो मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करना चाहेंगे उन्हें प्रक्रिया के अंतर्गत लाइसेंस दिलाए जाएंगे।
-दूसरा, नेशनल फॉर्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने 27.48 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन का रेट तय किया है तथा इससे अधिक मूल्य पर ऑक्सीजन की बिक्री नहीं हो यह सुनिश्चित भी किया जाएगा ।
-तीसरा गाजियाबाद के मोदीनगर में तरल ऑक्सीजन का नया प्लांट इस महीने के अंत तक शुरू करने के की तैयारी है ।इसकी क्षमता 149 मीट्रिक टन प्रतिदिन की होगी ।प्रदेश मे ऑक्सीजन की कुल आवश्यकता का 40 प्रतिशत,प्रदेश खुद उत्पादन करेगा। इसके अलावा नए उत्पादको के सामने आने से स्थाई समाधान भी हो सकेगा।
ऑक्सीजन उत्पादकों और रिफिल करने वालों के साथ आज शुक्रवार को सचिव आलोक कुमार, मुख्यमंत्री बेविनार के माध्यम से संवाद में उनसे उत्पादन क्षमता बढ़ाने और रिफिल करने के बाद आपूर्ति की व्यवस्था बनाए रखने के साथ मूल्य पर नियंत्रण हो ,इस पर विचार-विमर्श हुआ।
if you have any doubt,pl let me know