अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की ओर अग्रसर:15 सितम्बर से शुरू हो सकती है पहले पिलर के नींव की खुदाई

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प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसकी देखरेख के लिए और पिलर की खुदाई का परीक्षण कराने के लिए निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र यहां दो दिनों से अयोध्या में डेरा डाले हैं। वे ट्रस्ट के पदाधिकारियों व एलएंडटी के इंजीनियरों के साथ राममंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या के पर्यटन विकास को लेकर भी मंथन में जुटे हैं। 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का नक्शा एलडीए से अप्रूव होने के बाद अब नींव के पिलर की खुदाई शुरू करने की तैयारी है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने सर्किट हाउस में एलएंडटी के इंजीनियरों व ट्रस्ट के सदस्यों चंपत राय डा. अनिल मिश्र, डीएम एके झा के साथ बैठक कर तैयारी की समीक्षा की। मंगलवार को मंदिर परिसर व वहां पहुंची मशीनों आदि का उन्होंने अपनी तकनीकी टीम के साथ निरीक्षण किया। चूंकि मंदिर की मजबूती एक हजार साल तक बनी रहनी है इसी बात को लेकर हर तरह से नींव का परीक्षण किया जा रहा है।

इसी बीच राममंदिर निर्माण शुरू होने के साथ-साथ श्रीराम जन्मभूमि न्यास कार्यशाला में तराश कर रखे गए राममंदिर की पहली मंजिल के करीब सवा लाख घनफुट पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर में पहुंचाने का भी प्लान बन गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र व एलएंडटी के इंजीनियरों के सामने इस प्लान को प्रस्तुत भी किया जा चुका है। इसके तहत प्रयास है कि रामजन्मभूमि कार्यशाला में रखे तराशे गए पत्थरों को सफाई करने के बाद  राममंदिर परिसर तक एक साथ ही पहुँचाया जाए।  इसका लाभ होगा कि मंदिर के किस स्थान पर लगने वाले कितने पत्थर हमारे पास तैयार है। मॉडल परिवर्तित होने की वजह से पत्थरों की और आवश्यकता होगी। लार्सन टुब्रो के इंजीनियरों के साथ इसपर चर्चा की जा चुकी है।


कार्यशाला से पत्थरों को रात में लाया जायेगा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कार्यशाला से लेकर मंदिर परिसर तक की दूरी करीब छह किलोमीटर है।  तराशे गए पत्थर रामघाट स्थित कार्यशाला में हैं। यातायात प्रभावित न हो इसलिये बड़ी क्रेनों द्वारा रात में ही परिसर ले जाया जाएगा । यह भी बताया कि नगर के परिक्रमा मार्ग से होते हुए मोबहरा, टेढ़ीबाजार, रेलवे क्रासिंग रोड से होकर रामजन्मभूमि परिसर में पत्थरों को पहुंचाया जाएगा। न्यास कार्यशाला के पीछे की दीवार को परिक्रमा मार्ग की तरफ तोड़कर रास्ता बनाया जाएगा। इसी रास्ते के माध्यम से पत्थर कार्यशाला से बाहर निकालकर रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचाए जाएंगे।


पहले एक पिलर बनेगा



राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक सबसे पहले केवल एक पिलर के गड्ढे की खुदाई शुरू करवाई जाएगी। यह काम 15सितम्बर को शुरू हो सकता है।यह गड्ढा 35मीटर गहराई तक एक मीटर ब्यास में बोर किया जाएगा जबकि पिलर की नींव गहरी रहेगी।

इसमें मानक के मुताबिक कंक्रीट का मसाला भर कर इसे पूरी तरह से तैयार किया जाएगा। उसके एक माह के बाद इसकी मजबूती का परीक्षण होगा।अगर यह पिलर परीक्षण में मानक के मुताबिक मजबूत पाया गया तो 15अक्टूबर के बाद बाकी बचे 1100 पिलर के गड्ढे की खुदाई शुरू कर दी जाएगी। बताया गया कि यह ट्रायल पिलर अगर परीक्षण में खरा नहीं उतरा तो फिर से तकनीकी जांच की जाएगी।

बताया गया कि राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र दो दिनों तक के अपने अयोध्या दौरे में मंदिर की नींव की मजबूती की सारी जानकारी से संतुष्ट होने पर ही इस पर काम शुरू करने के पक्ष में है। उनके साथ तकनीकी विशेषज्ञ भी आए हैं।

पिलर की खुदाई शुरू करने के पहले सारे परीक्षण जिसमें साॉइल टेस्ट, भूकंप रोधी परीक्षण, गिट्टी, मौरंग, सीमेंट आदि की मजबूती का वैज्ञानिक परीक्षण शामिल हैं किये जायेंगे। 

जल्दबाजी में नहीं शुरू होगा निर्माण

वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बार बार दोहराया है कि मंदिर की नींव का निर्माण पूरी तरह से वैज्ञानिक व तकनीकी परीक्षण करने के बाद ही शुरू होगा।इसे जल्द बाज़ी में नहीं शुरू किया जाएगा

चंपत राय ने कहा कि बैठक में तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई।पहले एक पिलर को तैयार किया जाएगा।उसके एक माह बाद बाकी पिलर खड़े होंगे। कार्यशाला में रखे पत्थरों को शिफ्ट करने पर भी चर्चा हुई।राय बनी की उसी समय में ही लाया जाए जब पत्थरों का काम शुरू हो। इससे इसकी गणना भी सही होगी।





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