- सोमवार भोर गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में थम गईं सांसें
- मौत की सूचना से स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी-कर्मचारियों में खलबली
डॉ. राजीव रंजन की फाइल फोटो। |
कोरोना वायरस (covid-19) के निशाने पर अब कोरोना योद्धा यानी इलाज में लगे डॉक्टर आने लगे हैं। देवरिया जिले के 100 बेड मैटरनिटी अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन की इलाज के दौरान गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में सोमवार भोर मौत हो गई। उनकी मौत की खबर से स्वास्थ्य महकमे के खलबली मच गई है।
देवरिया जिले में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए 100 बेड मेटरनिटी अस्पताल को कोविड-19 (covid-19) हॉस्पिटल बनाया गया था।
रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के रामचक गांव के रहने वाले डॉ. राजीव रंजन रुद्रपुर सीएचसी में तैनात थे। उन्हें मार्च में कोविड-19 का प्रभारी बना कर जिला मुख्यालय अटैच किया गया था।
36 वर्षीय डॉ. राजीव रंजन पूरी व्यवस्था संभाल रहे थे। उन्हें बुखार, गले में खरास एवं खांसी आने लगी थी। 19 अगस्त को जांच कराई। कोरोना वायरस (covid-19) के संक्रमण की 21 अगस्त को आई जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव पाए गए। डॉ. राजीव पहले होम आइसोलेटेड हो गए।
तबीयत बिगड़ने पर 22 अगस्त को जिला मुख्यालय के कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए थे। शनिवार रात अचानक तबीयत खराब होने लगी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत शुरू हो गई। ऑक्सीजन लेवल तेजी से गिरने लगा। उन्हें गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उन्हें सांस लेने में परेशानी बढ़ने लगी। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए आइसीयू में वेंटीलेटर पर रखा गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर परिजन उन्हें दिल्ली मेदांता ले जाने की तैयारी में थे। इसी बीच, सोमवार भोर लगभग तीन बजे उनकी सांसें थम गईं।
रविवार देर रात तक सीएमओ डॉ. आलोक पांडेय, एसीएमओ डॉ. सुरेंद्र सिंह समेत स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी वहां डटे रहे। डॉ. राजीव मूल रूप से रुद्रपुर के रामचक गांव के रहने वाले थे। डॉ. राजीव का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाया जा रहा है।
डॉक्टर के निधन की सूचना पर डीएम अमित किशोर, एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र, सीएमओ डॉ. आलोक कुमार, एसडीएम संजीव कुमार उपाध्याय, सीओ अंबिका, तहसीलदार रामाश्रय प्रसाद, इंस्पेक्टर अरुण कुमार मौर्य ने डॉक्टर के घर पर पहुंचे और परिवारीजनों को सांत्वना दी। सीएमओ ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन के तहत ही चिकित्सक का अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
वाराणसी के एससीएमओ भी कोरोना से जान गवां चुके हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टर एवं जूनियर रेजीडेंट कोरोना की चपेट में हैं।
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