वाराणसी : एनडीआरएफ़ ने लिया आपदा सेवा का संकल्प

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  • स्वतंत्रता दिवस पर डीआईजी एनडीआरएफ ने मुख्यालय में किया ध्वजारोहण
  • राहत-बचाव कार्य के लिए कुंभ ज्योति मेडल व प्रशस्ति पत्र से किया सम्मानित

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, वाराणसी


स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित करते डीआईजी आलोक कुमार सिंह।
कोरोना महामारी के बीच 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 11 एनडीआरएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने वाराणसी स्थित परिसर में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। उन्होंने किसी भी आपदा से निपटने का संकल्प दोहराया। कोरोना माहमारी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय पर्व मनाया गया। उन्होंने समस्त अधिकारियों, जवानों एवं वाराणसी की जनता काे स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।

सलामी लेते डीआईजी आलोक कुमार सिंह।  
एनडीआरएफ के अधिकारियों द्वारा कुंभ प्रयागराज 2019 में उत्कृष्ट राहत एवं बचाव कार्य के जरिए कई लोगों की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ ज्योति मैडल व प्रशस्ति पत्र से कमांडेंट कौशलेश राय, डिप्टी कमांडेंट असीम उपाध्य, डिप्टी कमांडेंट राणा संग्राम सिंह, सहायक कमांडेंट सुरेन्द्र सिंह सजवान, सहायक कमांडेंट पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, सहायक कमांडेंट डॉ. अमित नंदन त्रिपाठी, सहायक कमांडेंट दिनेश कुमार समेत कई अधिकारियों को सम्मानित किया।
डीआईजी का स्वागत करते अधिकारी।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए 11 एनडीआरएफ़ की 14 टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गईं हैं, उसमें से दो टीमें बिहार में बाढ़ आपदा की गंभीरता को देखते हुए तैनात की गईं हैं। उत्तर प्रदेश में 10 टीमें, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, बहराइच, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, प्रयागराज जिलों में तैनात हैं जबकि मध्य प्रदेश के भोपाल में दो टीमें तैनात की गईं हैं।

वाराणसी घाट पर एक टीम तैनात है, जबकि 4 अतिरिक्त टीमें वाराणसी शहर के लिए वाहिनी मुख्यालय में रिज़र्व के रूप में अलर्ट हैं। अंत में डीआईजी ने सभी पदक विजेताओं को बधाई दी।

ध्वजारोहण करते डीआईजी।


कोरोना विजेता का पुष्प वर्षा कर स्वागत


एनडीआरएफ के कोरोना विजेता सहायक कमांडेंट दिनेश कुमार का डीआईजी आलोक कुमार सिंह एवं, जवानों एवं कर्मचारियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। वह राहत बचाव कार्यों के दौरान कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। अपनी सकारात्मक सोच एवं बेहतर इलाज के बल पर कोरोना को मात देकर पुनः वाहिनी मुख्यालय में वापस आए।  

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