- कानपुर के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में चीनी की गुणवतता बढ़ाने के लिए कई देश मिल कर करेंगे मंथन
प्रारब्ध न्यूज डेस्क
चीनी अब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं बल्कि कोरोना से लड़ने की ताकत प्रदान करेगी। चीनी काे ताकतवर बनाने के लिए कानपुर का राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) फार्मूला तैयार किया जा रहा है। इससे चीनी की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही किसान और चीनी मिलों को भी अतिरक्त मुनाफा होगा।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में ऑनलाइन एक्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम में का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कई देश शामिल होंगे, 24 से 28 अगस्त तक होने वाले ऑनलाइन एक्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम में कई देशों के विशेषज्ञ, चीनी उद्योग व संस्थान से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे। इसका उद्घाटन खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पांडेय करेंगे, जबकि शर्करा प्रशासन के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह मौजूद रहेंगे। इसमें चीनी की गुणवत्ता बढ़ाने, उसके सह उत्पादों से नए मूल्यवर्धक उत्पाद तैयार करने का रोड मैप तैयार किया जाएगा। इसमें चीनी मिलों की उत्पादकता, मानव संसाधन प्रबंधन, वित्तीय एवं परियोजना प्रबंधन, इथेनॉल की लागत कम करने पर मंथन किया जाएगा।
चीनी में मिलाएंगे पोषक तत्व
एनएसआइ में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कई देशों ने चीनी को ताकतवर बनाने का काम शुरू कर दिया है। विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व चीनी के साथ मिलाए जा रहे हैं। भारत में भी चीनी में आयुर्वेदिक तत्व का मिश्रण किया जा रहा है। फ्लेवर्ड चीनी बनने लगी है।
पैकेजिंग होगी बेहतर
चीनी की पैकेजिंग और उसके रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बड़ी बोरियों के साथ छोटे छोटे पैकेट भी तैयार किए जा रहे हैं। इसकी पैकेजिंग भी अलग तरह से की जा रही है, जिस पर पानी और नमी का असर नहीं रहेगा।
इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी
पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण के फीसद को बढ़ाने की तैयारी चल रही है। अभी 10 फीसद ही इथेनॉल मिलाया जाता है, जो कम पड़ जाता है। इथेनॉल का उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा।
देश के नामी वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों के अतिरिक्त ऑस्ट्रेलिया के शुगर रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्रीलंका के शुगर रिसर्च इंस्टीट्यूट के अधिकारी और इंग्लैंड के इंटरनेशनल शुगर जरनल के संपादक व्याख्यान देंगे। पांच दिवसीय कार्यक्रम में आए सुझाव, शोध और रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, इससे भविष्य में चीनी की और बेहतर प्लानिंग हो सकेगी।
- प्रो. नरेंद्र मोहन, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर।
if you have any doubt,pl let me know