ईपीएफओ : पीएफ का पैसा नहीं मिल रहा तो अपनाएं ये तरीके

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प्रारब्ध न्यूज डेस्क

संस्थान छोड़ कर दूसरे संस्थान में काम करने की वजह से पुराना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ यानी EPFO)का अकाउंट कुछ दिनों बाद बंद हो जाता है। ऐसे में कई बार पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने में परेशानी होती है। कई बार ईपीएफओ के सिस्टम में कंपनी छोड़ने की तिथि दर्ज नहीं होने से भी फंड निकालने में दिक्कत होती है। कई बार कंपनी के बंद हो जाने से पीएफ खाता भी बंद हो जाता है। इस वजह से भी पैसा अटक सकता है। अगर आपको किसी भी वजह से पीएफ खाते से पैसा निकालने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में अाप कुछ खास तरीके अपना कर अपने खाते से पैसा आसानी से निकल सकते हैं। आइए जानें कैसे क्या करें...।


कब बंद हो जाता है पीएफ खाता


अगर आपकी पुरानी कंपनी बंद हो गई हो। आपने अपना पैसा नई कंपनी के अकाउंट में ट्रांसफर नहीं कराया है। ऐसे में पीएफ खाता बंद हो सकता है। ऐसे खातों को ईपीएफओ इनएक्टिव कैटेगरी यानी निष्क्रिय खाते की श्रेणी में डाल देता है।


लेनदेन बंद होने पर


पीएफ खाते में अगर 36 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होता है यानी कंपनी उसमें पैसा जमा नहीं कराती है। कर्मचारी कंपनी बदलने के बाद पुराने खाते ही जानकारी नई कंपनी में नहीं देता है। ऐसे में उसमें कोई लेनदेन नहीं होता है। तब यह निष्क्रिय यानी इनएक्टिव कैटेगरी में आ जाता है। ऐसे अकाउंट को एक्टिव कराने के लिए ईपीएफओ से संपर्क करना पड़ता है।


मिलता रहता है ब्याज


खाता इनएक्टिव होने पर भी उसमें जो राशि जमा रहती है, उस पर ब्याज मिलता रहता है। इसलिए खाता धारक को कोई घाटा नहीं होता, लेकन जमा राशि निकालने में परेशानी हो सकती है।


कैसे निकाल सकते हैं पैसा


अगर आपकी पुरानी कंपनी बंद हो गई है या 36 महीने तक कोई ट्रांजैक्शन नहीं होने से पीएफ अकाउंट इनएक्टिव हो गया है। ऐसे में बैंक की मदद से पैसा निकाल सकते हैं। ऐसा केवाईसी (KYC)के जरिए किया जा सकता है।


अकाउंट कराना होगा सर्टिफाई


ईपीएफओ ने इनएक्टिव खातों पर क्लेम के भुगतान के लिए एक सर्कुलर में कुछ गाइडलाइन जारी की हैं। इसमें कहा गया है कि इनएक्टिव खातों से जुड़े क्लेम के भुगतान में सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि धोखाधड़ी नहीं हो सके। इसलिए कर्मचारी के क्लेम को नियोक्ता से सर्टिफाई कराना जरूरी होता है।


बंद कंपनी के मामले में क्या


जिन कर्मचारियों की कंपनी बंद हो चुकी है, उनके क्लेम को सर्टिफाई करवाना मुश्किल होगा। ऐसी स्थिति में क्लेम को केवाईसी दस्तावेजों के आधार पर सर्टिफाई किया जाता है।


केवाईसी के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत


केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, वोटर आईकार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, ईएसआई आइडेंटिटी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में कोई एक। इसके अलावा सरकार की ओर से जारी किए गए किसी दूसरे पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। दस्तावेज के साथ क्लेम पर असिस्टेंट प्रोविडेंट फंड कमिश्नर या किसी दूसरे अधिकारी से पीएफ धनराशि के विदड्रॉल की अनुमति मिलती है। उसके बाद पीएफ की धनराशि अापके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

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