ब्रेकिंग : आपकी आईडी में होगी सेहत की हर जानकारी

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  • प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन किया ऐलान

पीएम ने एनडीएचएम का किया ऐलान।
सौ. डीडी न्यूज।

प्रारब्ध न्यूज डेस्क


प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश में नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का एलान किया। इसके तहत हर देशवासी को हेल्थ आईडी दी जाएगी। उसमें हर नागरिक के स्वास्थ्य का पूरा लेखा-जोखा होगा। एक एप या वेबसाइट के जरिए संचालित आईडी में हर नागरिक के स्वास्थ्य, डॉक्टर का लेखा-जोखा होगा। ये रिकॉर्ड्स व्यक्ति तक ही सीमित रहेंगे। जब संबंधित व्यक्ति अपने रिकॉर्ड दिखाने की अनुमति देगा, तभी दूसरा डॉक्टर या व्यक्ति उसकी सारी जानकारी देख सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि अगर शख्स या मरीज की सहमति नहीं होगी तो सरकार भी उसका डाटा नहीं देख पाएगी। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन चार आधार स्तंभ पर काम करेगा। आइए जाने इसके बारे में...

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन सौ. इसटॉक



हेल्थ आईडी

हर नागरिक को एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी। उन्हें विकल्प दिया जाएगा कि वो उसे अपने आधार से लिंक करवाए या नहीं। ये आईडी राज्यों, अस्पतालों, पैथालॉजिकल लैब और फार्मा कंपनियों में उपयुक्त होगी। ये आईडी पूरी तरह से स्वैच्छिक तरीके से काम करेगी। आईडी में नागरिक का जो भी लेखा-जोखा होगा वो, खुद से सरकारी कम्यूनिटी क्लाउड में स्टोर हो जाएगा। ऐसा डाटा को सुरक्षित करने की दृष्टि से किया जाएगा। ये एक तरह से डिजिलॉकर की तरह काम करेगा, जिसमें सभी जरूरी कागज इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जमा हो जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह का कैश ट्रांसफर स्कीम का लाभ उठाना चाहता है तो ही उसे अपनी हेल्थ आईडी को आधार कार्ड से लिंक करना होगा। अगर ऐसा नहीं है तो आधार कार्ड से लिंक करने की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी।


डिजिडॉक्टर

इस प्लेटफॉर्म के जरिए देश के हर डॉक्टर को यूनिक पहचानकर्ता दिया जाएगा। ये नंबर रजिस्ट्रेशन नंबर से अलग होगा। रजिस्ट्रेशन नंबर राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद की ओर से हर डॉक्टर को दिया जाएगा। डॉक्टर को डिजिटल हस्ताक्षर दिया जाएगा, जिसकी मदद से वो मरीजों को प्रिसक्रिप्शन लिखा जाएगा। भारत में डिजिटल हस्ताक्षर बनाने के लिए फीस देनी होती है। हालांकि इस सेवा के लिए ना ही यूजर और ना ही डॉक्टर को भुगतान करना होता है। इसके तहत डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन को भी एकत्रित करने की योजना है, जो कि हर राज्य में अलग-अलग होगा। 


स्वास्थ्य सुविधा पहचानकर्ता

डॉक्टर और मरीज की तरह ही हर स्वास्थ्य सुविधा जो एक यूनिक इलेक्ट्रॉनिक पहचान दी जाएगी। ये सुनिश्तित करेगा कि सभी सुविधाएं अप्रयुक्त रूप से मैप की गई है और अपने पहचानकर्ता सुविधा के जरिए अपने सभी क्लीयरेंस और ऑडिट के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस समय भारत में अस्पताल खोलना एक कठिन प्रक्रिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत विविध आवश्यकताओं के लिए अलग-अलग एजेंसियों से क्लीयरेंस और रजिस्ट्रेशन की जरुरत पड़ती है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हर नागरिक को एक छतरी के नीचे लाने की तैयारी की जाएगी।


निजी स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स

इन निजी रिकॉर्ड्स में नागरिक की सारी स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों सम्मिलित होंगी। इसमें जन्म से लेकर प्रतिरक्षा, सर्जरी, प्रयोगशाला टेस्ट तक सारी जानकारी होंगी। इसे हर नागरिक की हेल्थ आईडी से लिंक किया जाएगा। इस निजी हेल्थ रिकॉर्ड इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसमें अपने डाटा का स्वामित्व किसी व्यक्ति के पास ही होगा। इस रिकॉर्ड के जरिए एक कंसेट मैनेजर काम करेगा, जिसके तहत अगर कोई डॉक्टर भी डाटा या मरीज की रिपोर्ट देखना चाहेगा तो शख्स के पास संदेश आएगा कि डॉक्टर रिपोर्ट देखना चाह रहा है और कितने समय तक डॉक्टर रिपोर्ट देख सकता है। 

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