कानपुर : डेंगू से पीआरवी के हेड कांस्टेबल की मौत

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  • काकादेव स्थित रतनदीप हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज
  • कोरोना की रिपोर्ट आई निगेटिव, जांच में डेंगू की हुई पुष्टि

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


जिले में कोरोना वायरस तांडव मचा रहा है। इस बीच जिले में डेंगू ने दस्तक दे दी है। डेंगू की चपेट में आए पीआरवी के हेड कांस्टेबल ने सोमवार देर रात इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उनका काकादेव स्थित रतनदीप हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। डेंगू का संक्रमण होने से किडनी ने काम करना बंद कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

रायबरेली जिले के थाना सरेनी के गोपालपुर गांव निवासी हेड कांस्टेबल रवि शंकर द्विवेदी पीआरवी में तैनात थे। पीआरवी ड्यूटी में उन्हें सचेंडी थाना क्षेत्र आवंटित था। उन्हें कई दिनों से बुखार था। डॉक्टरों को दिखाने पर कोरोना की जांच कराई गई, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। फिर भी तबियत में सुधार नहीं हो रहा था। इस पर स्वजनों ने सोमवार को उन्हें काकादेव क्षेत्र के रतनदीप हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। पीआरवी के इंस्पेक्टर शरीफ खान के मुताबिक उन्हें कई दिनों से बुखार आ रहा था। जब हालत बिगड़ गई तो उन्हें काकादेव के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने कोरोना की जांच कराई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। डॉक्टर ने उसके बाद डेंगू की जांच कराई, जिसमें पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने बताया कि डेंगू का बुखार मस्तिष्क में चढ़ गया था। इस वजह से उनकी किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था। इलाज के दौरान सोमवार रात दिन बजे उनकी मौत हो गई।


साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर

डेंगू एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से होता है। इसका मच्छर साफ पानी में पनपता है। इस मच्छर के शरीर पर सफेद और काली पट्टी होती है इसलिए इनको टाइगर मच्छर भी कहते हैं। यह अधिकतर दिन के समय में काटता है।


यह हैं लक्षण

  • अचानक तेज बुखार।
  • सिर में आगे की और तेज दर्द।
  • आंखों के पीछे और आंखों के हिलने से भी दर्द।
  • मांसपेशियों व जोडों में दर्द और एंठन।
  • छाती और ऊपरी अंगों पर लाल दाने होना
  • चक्कर आना, जी घबराना और उल्टी।
  • भूख कम लगना, दांत या मसूढ़े से खून आना।

ऐसे करें बचाव

  • घरों या छतों पर छोटे डब्बे या टायरों में पानी न भरने दें।
  • कूलरों का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलें।
  • घर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
  • घर के आसपास बारिश का पानी न जमने दें।
  • मच्छरों से बचने के लिए स्वयं व बच्चों काे पूरी बांह के कपड़े पहनाएं।
  • सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • मच्छर भगाने वाली क्वाइन या लिक्विड का इस्तेमाल करें।
  • जलभराव होने पर जला हुआ मोबिल या मिट्टी का तेल डालें। 

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