ब्रेकिंग : तत्काल ई-टिकट की खरीद-बिक्री का भंडाफोड़, एक गिरफ़्तार

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  • आरपीएफ की क्राइम ब्रांच ने नए सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई
  • टिकट दलालों का नेटवर्क मालेगांव, मुम्बई, कोलकाता के साथ-साथ देशभर से जुड़ा
  • सुपर सेलर, एजेंट, कोलकाता के दलाल समेत 18 नामजद, तलाश को कई टीमें गठित

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, लखनऊ


गिरफ्तार दलाल के साथ आरपीएफ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अमित कुमार राय व उनकी टीम।
रेलवे के तत्काल ई-टिकट के नए साफ्टवेयर की खरीद-बिक्री का भंडाफोड़ रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अमित कुमार एवं उनकी टीम ने किया है। गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। उनका दावा है कि रेलवे द्वारा रेडमिर्ची के खात्मे करने के बाद नए रेड मैंगो एवं ब्लैक वोल्टी नामक सॉफ्टवेयर विकसित किए गए थे, जिसमें सेंध लगाने पर रेलवे टिकट की दलाली करने वाला गिरोह कामयाब हुआ है। इस गिरोह के खिलाफ पहली बार बड़ी कार्रवाई की गई है। टिकट दलालों के नेटवर्क के तार देश भर में हैं, वह मालेगांव, मुम्बई एवं कोलकाता से सीधे जुड़े हुए हैं। इस गिरोह के एक सुपर सेलर, सात एजेंट, कोलकाता का एक दलाल एवं नौ टिकट दलाल समेत 18 को नामजद किया गया है। उनकी तलाश के लिए टीमें गठित की जाएंगी।

आरपीएफ के क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर अमित कुमार राय ने बताया कि शनिवार देर रात मोहिबुल्लापुर रेल पीआरएस से टिकट दलाल निखिल को दबोचा गया था। उसकी निशानदेही पर थाना पारा क्षेत्र के हंस खेड़ा आवास विकास कॉलोनी निवासी स्व. अशोक कुमार श्रीवास्तव के 24 वर्षीय पुत्र सत्यम को नाका चौराहे से गिरफ्तार किया गया था। उसका मोबाइल फोन चेक किया गया। उसमें तत्काल ई टिकट टू पीएनआर, थ्री पीएनआर एवं चार पीएनआर के टिकटों को तेजी से बनाने से संबंधित रेड मैंगो एवं ब्लैक वोल्टी सॉफ्टवेयर की खरीद बिक्री करने की पुष्टि हुई। मोबाइल की चेकिंग और उससे पूछताछ में सुपर सेलर, सेलर एवं दलालों से पैसों की लेनदेन के बाबत पेटीएम, बैंक खातों से संबंधित रिकार्ड मिले हैं। उसने कोलकाता के एक दलाल से 3,05,405 रुपये टिकट सिर्फ जनवरी 2020 माह में बनवाए गए। चार माह पहले ओपनिग काउंटर टिकट मंगाने एवं उसका भुगतान करने के भी प्रमाण मिले हैं। पुराने काउंटर टिकट की कई फ़ोटो भी मिली हैं। उसके पास से ई-टिकट बनाने से संबंधित आईडी भी मिली है। सख्ती से पूछताछ करने पर उसन स्वीकार किया है कि वह नए सॉफ्टवेयर की ख़रीद-बिक्री करता है। वह सेलर है, जबकि सुपर सेलर बिहार का है। बिहार निवासी सुपर सेलर का उसके पास पूरा पता नहीं है। उसका मोबाइल जप्त कर कर लिया गया है।


मोबाइल से बातचीत, ऑनलाइन खरीद-बिक्री

आरपीएफ की गिरफ्त में आए सत्यम ने बताया कि बिहार निवासी सुपर सेलर से कभी मिला नहीं है। उससे मोबाइल से ही बातचीत होती है। सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन खरीद-बिक्री करते हैं। पैसों का लेनदेन भी ऑनलाइन ही होता है। उक्त के पास मौजूद मोबाइल जजप्त किया गया है।


कार्रवाई करने वाली टीम क्वारंटाइन

गिरोह के एक सदस्य काे गिरफ्तार किया गया था, जो मेडिकल टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव आया है। इसलिए आरपीएफ के क्राइम बांच के इंस्पेक्टर अमित कुमार राय समेत कांस्टेबल राजेश कुमार शाही, हेड कांस्टेबल अनरूद्ध शर्मा, कांस्टेबल राज नारायण राय, कांस्टेबल गणेश प्रसाद व कांस्टेबल राकेशधर दुबे होम क्वारंटाइन हो गए हैं।


गठित की गई टीम


बेहद संवेदनशील मामला होने की वजह से आईजी गोरखपुर अतुल कुमार श्रीवास्तव के आदेशानुसार वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त लखनऊ अमित प्रकाश मिश्रा के निर्देशन में सहायक सुरक्षा आयुक्त अपराध गोरखपुर वीके सिंह की देखरेख जांच टीम गठित की गई है।

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