- एनालेटिकल टॉक्सिकोलॉजी कोर्स कर सकेंगे 50 छात्र-छात्राएं
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नार्थ कैंपस के प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के लखनऊ स्थित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजी रिसर्च (आइआइटीआर) के साथ मिलकर नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसमें छात्र-छात्राओं को जहरीले पदार्थों के बारे में विस्तार से जानने का अब अवसर मिलेगा। इसे ध्यान में रखते हुए जहरीले पदार्थ के विश्लेषण करने वाले एक 40 घंटे का ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू हो गया है। इस पाठ्यक्रम का नाम एनालेटिकल टॉक्सिकोलॉजी है। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के नॉर्थ कैंपस स्थित प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज ने वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के लखनऊ स्थित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आइआइटीआर) के साथ मिलकर पाठ्यक्रम शुरू किया गया है।
शुक्रवार को इस पाठ्यक्रम को ऑनलाइन ही लॉन्च किया गया। इस अवसर पर सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे, सीएसआइआर-आइआइटीआर के निदेशक प्रो. आलोक धवन एवं हिंदू कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अंजू श्रीवास्तव मौजूद रहीं। डॉ. अंजू श्रीवास्तव ने बताया कि साइंस के छात्र-छात्राएं इसे कर सकते हैं। साइंस के पाठ्यक्रमों को 12वीं में पढ़ चुके, किसी भी शिक्षण संस्थानों के साइंस के छात्र-छात्राएं घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस पाठ्यक्रमों को करने के बाद छात्र फोरेंसिक के क्षेत्र में जा सकते हैं। साथ ही शरीर में उपयोग करने वाली कई क्रीम को तैयार करने वाली कंपनी में भी जा सकेंगे। जहरीले पदार्थों के सभी प्रकार के मानकों के बारे में काफी विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी। इसलिए इन क्षेत्रों में छात्रों को प्राथमिकता मिलेगी। वह इन पदार्थों को आसानी से पहचान कर सकेंगे।
2,225 रुपये है शुल्क
हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर और सीएसआइआर-आइआइटीआर के प्रोफेसर छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से दिन में एक या दो घंटे की कक्षाएं देंगे। यह पाठ्यक्रम एक महीने से सवा महीने में पूरा हो जाएगा। हिंदू कॉलेज की वेबसाइट में जाकर इस पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसका शुल्क 2,225 रुपये है। इसमें 50 छात्र पढ़ सकेंगे।
छह और ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू होंगे
डॉ अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि कॉलेज की योजना है कि छह अन्य ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी आने वाले दिनों में शुरू किए जाएंगे। डेटा साइंस, सामाजिक विज्ञान, पर्यावरण, उत्तर पूर्वी भारत की संस्कृति से जुड़े ऑनलाइन पाठ्यक्रम को शुरू करने की योजना है।
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