थिएटर के अनुभव से हासिल होती है कामयाबी

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  • रात 2 बजे तक करते थे काम : डॉ. अनिल रस्तोगी
  • अपनी कहानी सुना नवोदित कलाकारों को किया प्रोत्साहित

वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ. अनिल रस्तोगी।

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर

थिएटर में आपको भले ही ठीक ठाक पैसा न मिले, मगर एक ऐसा अभिनेता अवश्य बना देता है जिससे आप पर्याप्त शोहरत, कामयाबी और पैसा अर्जित कर सकते हैं। यह बातें रविवार को अनुकृति रंगमंडल द्वारा इप्टा कानपुर के सहयोग से आयोजित ऑनलाइन वेबिनार में वरिष्ठ फिल्म/थिएटर कलाकार डॉ. अनिल रस्तोगी ने कहीं।

डॉ. रस्तोगी ने कहाकि वर्ष 1962 से थिएटर कर रहे हैं। यह आपके व्यक्तित्व के विकास में सहायक है, जो युवा थिएटर को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें पूरी तरह तन्मयता से इसमें डूबना होगा, तभी सफलता मिलेगी। मैंने बहुत से नाटकों में अभिनय किया, लेकिन दो सर्वाधिक पंसदीदा नाटकों की बात करें तो वह पराजित नायक और यहूदी की बेटी हैं। संचालन अनुकृति/ इप्टा कानपुर के सचिव डॉ. ओमेन्द्र कुमार ने किया। वेबिनार में अनुकृति कानपुर के रंगकर्मी जौली घोष, कैलाश बाजपेयी, राजीव तिवारी, विजयभान सिंह, दिशा वर्मा, सिरीश सिन्हा, सुनीता यादव, पूजा श्रीवास्तव, दीपिका सिंह, सुमित गुप्ता, यश वर्मा, ईशा वर्मा, नीलू सिंह, शिवेन्द्र त्रिवेदी, दिनेश कुमार, विकास राय, तुषार कौशल (दिल्ली), दीपक यादव, कुशल सक्सेना, विजय भास्कर, लखनऊ के वरिष्ठ रंगकर्मी देवेन्द्र मोदी, अमित कुमार, डाॅ. श्रीप्रकाश मिश्रा, यशी दीक्षित, गोरखपुर से वशिष्ठ जयसवाल समेत करीब 54 लोग शामिल रहे।


साझा किए संघर्ष के अनुभव


उन्होंने अपने शुरुआती दिनों के बारे बताया। कहा, मैं विज्ञान का विद्यार्थी रहा, बहुत मेहनत की साइंटिस्ट के सरकारी पद पर रहा। बाद में अपने शौक थियेटर को अपना प्रोफेशन बनाया। थिएटर में प्ले करने के दौरान जब तारीफ होती थी उससे प्रोत्साहित होकर रात 2 बजे तक काम करते थे। एक्टिंग एक ऐसी कला है जिसमें आप हमेशा सीखते रहते हैं। इससे आप अपने को निखारते रहते हैं। आकाशवाणी के लिए भी कई नाटक किए, जहां आवाज के मॉडलेशन व सटीक उच्चारण के गुर सीखने को मिले।


कलाकारों के सवालों के दिए जवाब


वेबीनार में शामिल विजय भान सिंह ने पूछ कि आकाशवाणी में प्रवेश की क्या प्रक्रिया है। श्री रस्तोगी ने बताया कि आकाशवाणी में निर्धारित फॉर्म भरने के बाद एक स्क्रिप्ट दी जाती है जिसका ऑडिशन होता है। इसमें आपकी आवाज और उसका मॉड्युलेसन चेक किया जाता है।

उत्तर प्रदेश मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने सुझाव रखा कि यूपी में कई बड़े निर्माता निर्देशक फिल्में शूट करने आ रहे हैं। इन फिल्मों में प्रदेश के कलाकारों, टेक्नीशियन को उनकी क्षमता के अनुसार काम मिलना चाहिए। इसीलिए एसोसिएशन ने नारा दिया है कि अब हमने ठाना है उत्तर प्रदेश को सिनेमा का हब बनाना है।


सफलता का दिया मंत्र


डॉ. रस्तोगी ने सफलता का फार्मूला बताया (पेरवासीवेनेस्स + हार्ड वर्क + टैलेंट)×लक = सक्सेस।


कई फिल्में व सीरियल किए


देश के पहले धारावाहिक बीवी नातियों वाली, डीडी 1 के लोकप्रिय सीरियल उड़ान और इशकजादे, मुक्तिधाम समेत अनेक फिल्मों में अहम भूमिकाएं डॉ. रस्तोगी निभा चुके हैं। उन्होंने कहाकि 70 की उम्र में लोग मुंबई से वापस अपने शहर की ओर लौटते हैं। उस उम्र में मैं मुंबई गया और पांच साल वहां रहा। इस दौरान कई फिल्में और सीरियल किए। 

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