⛅ दिनांक 25 अगस्त 2020
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)
⛅ शक संवत - 1942
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - शरद
⛅ मास - भाद्रपद
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - सप्तमी दोपहर 12:21 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ नक्षत्र - विशाखा दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात अनुराधा
⛅ योग - इन्द्र रात्रि 09:50 तक तत्पश्चात वैधृति
⛅ राहुकाल - शाम 03:38 से शाम 05:12 तक
⛅ सूर्योदय - 06:21
⛅ सूर्यास्त - 18:59
(सूर्योदय और सूर्यास्त समय अलग अलग जिले के लिए अलग हो सकता है )
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - राधाष्टमी, महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ
💥 विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
🌷 राधा अष्टमी 🌷
🙏🏻 25 अगस्त,मंगलवार को श्रीराधा अष्टमी है। जन्माष्टमी के पूरे 15 दिन बाद ब्रज के रावल गांव में राधा जी का जन्म हुआ । भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी व्रत रखा जाता है। पुराणों में राधा-रुक्मिणी को एक ही माना जाता है। जो लोग राधा अष्टमी के दिन राधा जी की उपासना करते हैं, उनका घर धन संपदा से सदा भरा रहता है। राधा अष्टमी के दिन ही महालक्ष्मी व्रत का आरंभ होता है।
➡ पुराणों के अनुसार राधा अष्टमी
🙏🏻 स्कंद पुराण के अनुसार राधा श्रीकृष्ण की आत्मा हैं। इसी कारण भक्तजन सीधी-साधी भाषा में उन्हें 'राधारमण' कहकर पुकारते हैं।
🙏🏻 पद्म पुराण में 'परमानंद' रस को ही राधा-कृष्ण का युगल-स्वरूप माना गया है। इनकी आराधना के बिना जीव परमानंद का अनुभव नहीं कर सकता।
🙏🏻 भविष्य पुराण और गर्ग संहिता के अनुसार, द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर अवतरित हुए, तब भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन महाराज वृषभानु की पत्नी कीर्ति के यहां भगवती राधा अवतरित हुई। तब से भाद्रपद शुक्ल अष्टमी 'राधाष्टमी' के नाम से विख्यात हो गई।
🙏🏻 नारद पुराण के अनुसार 'राधाष्टमी' का व्रत करनेवाला भक्त ब्रज के दुर्लभ रहस्य को जान लेता है।
🙏🏻 पद्म पुराण में सत्यतपा मुनि सुभद्रा गोपी प्रसंग में राधा नाम का स्पष्ट उल्लेख है। राधा और कृष्ण को 'युगल सरकार' की संज्ञा तो कई जगह दी गई है।
🙏 आदित्य प्रकाश वशिष्ठ
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