- जिलाधिकारी की अदालत में चल रही सुनवाई, अगली तिथि सात अगस्त को
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन के मुकदमे से संबंधित जिला प्रशासन का नोटिस लेने से पत्नी और बेटे संग जेल में बंद सांसद आजम खान ने इन्कार कर दिया। इस मामले की सुनवाई अपर जिलाधिकारी अदालत में चल रही है। इसकी सुनवाई सात अगस्त को होगी।
सांसद आजम खान के खिलाफ 26 किसानों ने जबरन जमीन कब्जाने के मुकदमे जुलाई 2019 में दर्ज कराए थे। उन्हें प्रशासन ने भू-माफिया भी घोषित कर दिया था। प्रशासन ने किसानों की जमीनों पर कब्जा भी दिला दिया। साथ ही चार चकरोड की भूमि पर भी अपने कब्जा में ले ली। चकरोड की जमीन पर बनी यूनिवर्सिटी की इमारत और चाहरदीवारी को भी तोड़ दिया गया था। उधर, भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी कि सपा शासनकाल में कैबिनेट ने मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को जमीन खरीदने में स्टाम्प लगाने से भी छूट दी थी। बताया गया था कि ट्रस्ट चैरिटी का काम करती है। ट्रस्ट के जरिए चलने वाली जौहर यूनिवर्सिटी में अल्पसंख्यकों को नि:शुल्क पढ़ाया जाएगा। किसी को नि:शुल्क शिक्षा नहीं प्रदान की जा रही है। इस शिकायत के आधार पर जांच पड़ताल कराई गई। उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही फरवरी 2020 में अपर जिलाधिकारी की अदालत में केस दर्ज किया गया। इसकी सुनवाई कर रहे अपर जिलाधिकारी जेपी गुप्ता ने सांसद आजम खान के खिलाफ नोटिस जारी किया है। नोटिस सीतापुर जेल भेजा गया था। जिला शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि जेलर ने रिपोर्ट दी है कि सांसद ने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया है।
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