⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - वर्षा*
⛅ *मास - भाद्रपद*
⛅ *पक्ष - कृष्ण*
⛅ *तिथि - सप्तमी सुबह 0 6: 17 तक तत्पश्चात अष्टमी*
⛅ *नक्षत्र - भरणी रात्रि 11: 18 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
⛅ *योग - गण्ड सुबह 08: 20 तक तत्पश्चात वृद्धि*
⛅ *राहुकाल - शाम 03: 0 0 से शाम 0 4: 30 तक*
⛅ *सूर्योदय - 0 5: 30
⛅ *सूर्यास्त - 18: 30*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - जन्माष्टमी (स्मार्त), मंगलागौरी पूजन*
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *जन्माष्टमी व्रत की महिमा* 🌷
➡ *१] भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिरजी को कहते हैं : “२० करोड़ एकादशी व्रतों के समान अकेला श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हैं |”*
➡ *२] धर्मराज सावित्री से कहते हैं : “ भारतवर्ष में रहनेवाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है वह १०० जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है |”
🌷 *श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी* 🌷
🙏🏻 *ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार*
*भारतवर्ष में रहने वाला जो प्राणी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है, वह सौ जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। इसमें संशय नहीं है। वह दीर्घकाल तक वैकुण्ठलोक में आनन्द भोगता है। फिर उत्तम योनि में जन्म लेने पर उसे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति उत्पन्न हो जाती है-यह निश्चित है।*
🙏🏻 *अग्निपुराण के अनुसार*
*इस तिथिको उपवास करने से मनुष्य सात जन्मों के किये हुए पापों से मुक्त हो जाता हैं | अतएव भाद्रपद के कृष्णपक्ष की अष्टमी को उपवास रखकर भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिये | यह भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाला हैं।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण के अनुसार*
*कृष्ण जन्माष्टमी व्रत जो मनुष्य नहीं करता, वह क्रूर राक्षस होता है।*
🙏🏻 *स्कन्दपुराण के अनुसार*
*जो व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी व्रत नहीं करता, वह जंगल में सर्प और व्याघ्र होता है।*
💥 *किसी विशेष कारणवश अगर कोई जन्माष्टमी व्रत रखने में समर्थ नहीं तो किसी एक ब्राह्मण को भरपेट भोजन हाथ से खिलाएं। अगर वह भी संभव नहीं तो ब्राह्मण को इतनी दक्षिणा दें की वो 2 समय भरपेट भोजन कर सके। अगर वह भी संभव नहीं तो गायत्री मंत्र का 1000 बार जप करे।
🌷 *चार रात्रियाँ विशेष पुण्य प्रदान करनेवाली हैं*
🙏 *१ )दिवाली की रात २) महाशिवरात्रि की रात ३) होली की रात और ४) कृष्ण जन्माष्टमी की रात इन विशेष रात्रियों का जप, तप , जागरण बहुत बहुत पुण्य प्रदायक है |*
🙏 *श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा जाता है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान,नाम अथवा मन्त्र जपते हुए जागने से संसार की मोह-माया से मुक्ति मिलती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इस व्रत का पालन करना चाहिए।*
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