आज का पंचांग

0
 *दिनांक 22 अगस्त 2020*
⛅ *दिन - शनिवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077 *
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु - शरद*
⛅ *मास - भाद्रपद*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - चतुर्थी रात्रि 11: 35 तक तत्पश्चात पंचमी*
⛅ *नक्षत्र - हस्त रात्रि 11: 39 तक तत्पश्चात चित्रा*
⛅ *योग - साध्य  0 3: 12 तक तत्पश्चात शुभ*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09: 0 0 से सुबह 10: 30 तक* 
⛅ *सूर्योदय - 0 5: 37 
⛅ *सूर्यास्त - 18: 23 
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, गणेश चतुर्थी, चन्द्र-दर्शन निषिद्व (चन्द्रास्त रात्रि 09: 0 2), गणेश महोत्सव प्रारंभ, शरद ऋतु प्रारंभ*
 💥 *विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।
🌷 *गणेश चतुर्थी* 🌷
🙏🏻  आज 22 अगस्त, शनिवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की  चतुर्थी तिथि है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजन किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो भगवान श्रीगणेश अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। अगर आप भी इस विशेष अवसर का लाभ उठाना चाहते हैं तो ये उपाय विधि-विधान पूर्वक करें-*
➡ *जो चाहिए वो मिलेगा गणेशजी के इन उपायों में से , कोई भी 1 करें*
🙏🏻 *1. शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने का विधान बताया गया है। गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने से विशेष लाभ होता है। इस दिन आप शुद्ध पानी से श्रीगणेश का अभिषेक करें। साथ में गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ भी करें। बाद में मावे  के लड्डुओं का भोग लगाकर भक्तों में बांट दें।*
🙏🏻 *2. ज्योति शास्त्र के अनुसार, गणेश यंत्र बहुत ही चमत्कारी यंत्र है। गणेश चतुर्थी पर घर में इसकी स्थापना करें। इस यंत्र की स्थापना व पूजन से बहुत लाभ होता है। इस यंत्र के घर में रहने से किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं करती।*
🙏🏻 *3. अगर आपके जीवन में बहुत परेशानियां हैं, तो आप गणेश चतुर्थी को हाथी को हरा चारा खिलाएं और गणेश मंदिर जाकर अपनी परेशानियों का निदान करने के लिए प्रार्थना करें। इससे आपके जीवन की परेशानियां कुछ ही दिनों में दूर हो सकती हैं।*
🙏🏻 *4. अगर आपको धन की इच्छा है, तो इसके लिए आप गणेश चतुर्थी को सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश को शुद्ध घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो सकता है।*
🙏🏻 *5. गणेश चतुर्थी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद समीप स्थित किसी गणेश मंदिर जाएं और भगवान श्रीगणेश को 21 गुड़ की गोलियां बनाकर दूर्वा के साथ चढ़ाएं। इस उपाय से भगवान आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं ।*
🙏🏻 *6. गणेश चतुर्थी पर पीले रंग की गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर पूजा करें। पूजन में श्रीगणेश को हल्दी की पांच गठान श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए चढ़ाएं। इसके बाद 108 दूर्वा पर गीली हल्दी लगाकर श्री गजवकत्रम नमो नम: का जाप करके चढ़ाएं। यह उपाय लगातार 10 दिन तक करने से प्रमोशन होने की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।*
🙏🏻 *7. गणेश चतुर्थी पर किसी गणेश मंदिर में  जाएं और दर्शन करने के बाद अपनी इच्छा के अनुसार गरीबों को दान करें। कपड़े, भोजन, फल, अनाज आदि दान कर सकते हैं। दान के बाद दक्षिणा यानी कुछ रुपए भी दें। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।*
🙏🏻 *8. यदि बिटिया का विवाह नहीं हो पा रहा है, तो गणेश चतुर्थी पर विवाह की कामना से भगवान श्रीगणेश को मालपुए का भोग लगाएं व व्रत रखें। शीघ्र ही उसके विवाह के योग बन सकते हैं।*
🙏🏻 *9. गणेश चतुर्थी को दूर्वा (एक प्रकार की घास) के गणेश बनाकर उनकी पूजा करें। मोदक, गुड़, फल, मावा-मिष्ठान आदि अर्पण करें। ऐसा करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।*
🙏🏻 *10. यदि लड़के के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, तो वह गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे उसके विवाह के योग बन सकते हैं।*
🙏🏻 *11. गणेश चतुर्थी पर व्रत रखें। शाम के समय घर में ही गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ करें। इसके बाद भगवान श्रीगणेश को तिल से बने लड्डुओं का भोग लगाएं। इसी प्रसाद से अपना व्रत खोलें और भगवान श्रीगणेश से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।*  
🌷 *गणेश चतुर्थी* 🌷
🙏🏻 *गणेशजी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न में हुआ था। उस समय सोमवार का दिन, स्वाति नक्षत्र, सिंह लग्न और अभिजीत  मुहूर्त था। गणेशजी के जन्म के समय सभी शुभग्रह कुंडली में पंचग्रही योग बनाए हुए थे।*
👉🏻 *इस वर्ष यह त्यौहार आज 22 सितम्बर 2020 शनिवार को मनाया ja raha hai। इस वर्ष स्वाति नक्षत्र का अभाव रहेगा।* 
👉🏻 *अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:57 से दोपहर 12:49 तक रहेगा।**मध्याह्न गणेश पूजा का समय = दोपहर 11: 0 7 से दोपहर 13: 42 तक
➡ *वैसे तो भविष्य पुराण में सुमन्तु मुनि का कथन है*
*“न तिथिर्न च नक्षत्रं नोपवासो विधीयते । यथेष्टं चेष्टतः सिद्धिः सदा भवति कामिका।।”*
🙏🏻 *“भगवान गणेशजी की आराधना में किसी तिथि, नक्षत्र या उपवासादि की अपेक्षा नहीं होती। जिस किसी भी दिन श्रद्धा-भक्तिपूर्वक भगवान गणेशजी की पूजा की जाय तो वह अभीष्ट फलों को देनेवाली होती है।” फिर भी गणेशजी के जन्मदिन पर की जानेवाली उनकी पूजा का विशेष महत्व है। तभी तो भविष्यपुराण में ही सुमन्तु मुनि फिर से कहते हैं की*
*“शुक्लपक्षे चतुर्थ्यां तु विधिनानेन पूजयेत्। तस्य सिध्यति निर्विघ्नं सर्वकर्म न संशयः ।।*
*एकदन्ते जगन्नाथे गणेशे तुष्टिमागते। पितृदेवमनुष्याद्याः सर्वे तुष्यन्ति भारत ।।”*
🙏🏻  *“शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को उपवास कर जो भगवान गणेशजी का पूजन करता है, उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं और सभी अनिष्ट दूर हो जाते हैं। श्रीगणेशजी के अनुकूल होने से  सभी जगत अनुकूल हो जाता है। जिस पर एकदन्त भगवान गणपति संतुष्ट होते हैं, उसपर देवता, पितर, मनुष्य आदि सभी प्रसन्न रहते हैं।”*
➡ *अग्निपुराण के अनुसार भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को व्रत करनेवाला शिवलोक को प्राप्त करता है |*
➡ *भविष्यपुराण, ब्राह्मपर्व के अनुसार*
*मासि भाद्रपदे शुक्ला शिवा लोकेषु पूजिता । ।*
*तस्यां स्नानं तथा दानमुपवासो जपस्तथा । क्रियमाणं शतगुणं प्रसादाद्दन्तिनो नृप । ।* 
*गुडलवणघृतानां तु दानं शुभकरं स्मृतम् । गुडापूपैस्तथा वीर पुण्यं ब्राह्मणभोजनम् । ।*
*यास्तस्यां नरशार्दूल पूजयन्ति सदा स्त्रियः । गुडलवणपूपैश्च श्वश्रूं श्वसुरमेव च । ।*
*ताः सर्वाः सुभगाः स्युर्वे१ विघ्रेशस्यानुमोदनात् । कन्यका तु विशेषेण विधिनानेन पूजयेत् । ।*
🙏🏻 *भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी का नाम ‘शिवा’ है, इस दिन जो स्नान, दान उपवास, जप आदि सत्कर्म किया जाता है, वह गणपति के प्रसाद से सौ गुना हो जाता है | इस चतुर्थी को गुड़, लवण और घृत का दान करना चाहिये, यह शुभ माना गया है और गुड़ के अपूपों (मालपुआ) से ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिये तथा उनकी पूजा करनी चाहिये | इस दिन जो स्त्री अपने सास और ससुर को गुड़ के पुए तथा नमकीन पुए खिलाती है वह गणपति के अनुग्रह से सौभाग्यवती होती है | पति की कामना करनेवाली कन्या विशेषरूप से इस चतुर्थी का व्रत करे और गणेशजी की पूजा करें |*
➡ *गरुड़पुराण के अनुसार “सोमवारे चतुर्थ्यां च समुपोष्यार्चयेद्गणम्। जपञ्जुह्वत्स्मरन्विद्या स्वर्गं निर्वाणतां व्रजेत् ॥” सोमवार, चतुर्थी तिथिको उपवास रखकर व्रती को विधि – विधान से गणपतिदेव की पूजा कर उनका जप, हवन और स्मरण करना चाहिये | इस व्रत को करने से उसे विद्या, स्वर्ग तथा मोक्ष प्राप्त होता है |*
➡ *शिवपुराण के अनुसार “वर्षभोगप्रदा ज्ञेया कृता वै सिंहभाद्रके” जब सूर्य सिंह राशिपर स्थित हो, उस समय भाद्रपदमास की चतुर्थी को की हुई गणेशजी की पूजा एक वर्ष तक मनोवांछित भोग प्रदान करती है*
➡ *अग्निपुराण अध्याय 301 के अनुसार*
*पूजयेत्तं चतुर्थ्याञ्च विशेषेनाथ नित्यशः ।।*
*श्वेतार्कमूलेन कृतं सर्व्वाप्तिः स्यात्तिलैर्घृतैः ।*
*तण्डुलैर्दधिमध्वाज्यैः सौभाग्यं वश्यता भवेत् ।।*
🙏🏻 *गणेशजी की नित्य पूजा करें, किंतु चतुर्थी को विशेष रूप से पूजा का आयोजन करें। सफ़ेद आक की जड़ से उनकी प्रतिमा बनाकर पूजा करें। उनके लिए तिल की आहुति देने पर सम्पूर्ण मनोरथों की प्राप्ति होती है। यदि दही, मधु और घी से मिले हुए चावल से आहुति दी जाय तो सौभाग्य की सिद्धि एवंय शिवत्व की प्राप्ति होती है।*
🙏🏻 *गणेश जी को मोदक (लड्डू), दूर्वा घास तथा लाल रंग के पुष्प अति प्रिय हैं । गणेशजी अथर्वशीर्ष में कहा गया है "यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति" अर्थात जो दूर्वांकुर के द्वारा भगवान गणपति का पूजन करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। "यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति" अर्थात जो सहस्र (हजार) लड्डुओं (मोदकों) द्वारा पूजन  करता है, वह वांछित फल को प्राप्त करता है।*
🙏🏻 *गणेश चतुर्थी पर गणेशजी को 21 लड्डू, 21 दूर्वा तथा 21 लाल पुष्प (अगर संभव हो तो गुड़हल) अर्पित करें।* 💐💐💐

Post a Comment

0 Comments

if you have any doubt,pl let me know

Post a Comment (0)
To Top