इस्कॉन की छात्र-छात्राओं को संस्कारवान बनाने की पहल

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  • नैतिक शिक्षा परीक्षा में शामिल हुए छह हजार से अधिक छात्र-छात्राएं
  • परीक्षा में 20 बहुविकल्पीय व पांच दीर्घउत्तरीय प्रश्न के लिए 30 मिनट

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर


दुनिया भर में संस्कार एवं श्रीकृष्ण की लीलाओं को पहुंचाने वाले इस्काॅन मंदिर ने श्रावण मास के पावन पर्व में युवाओं को संस्कारवान बनाने की पहल शुरू की है। इसके लिए इस्कॉन मंदिर और इवाल्व संस्था द्वारा शनिवार को प्रथम ऑनलाइन राष्ट्रीय नैतिक शिक्षा प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें देश भर से लगभग छह हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया। परीक्षा में नैतिक शिक्षा के मूल्य पर आधारित प्रश्न पूछे गए।

इस्कॉन मंदिर द्वारा प्रतियोगिता का उद्देश्य लॉकडाउन में बढ़ रही घरेलू हिंसा और छात्र-छात्राओं में हो रहे तनाव को खत्म करना है। उन्हें मानसिक रूप से मजबूत करना था। इस्कॉन शुरू से ही छात्र-छात्राओं के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रकार के आयोजन कर उन्हें संस्कार की शिक्षा देता रहता है। इसी क्रम में कोरोना संक्रमण काल में लंबे समय से घरों में बैठे युवाओं को संस्कार व शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतियोगिता कराई गई है। नि:शुल्क परीक्षा में प्रतिभागियों को यूट्यूब पर चार वीडियो डालकर उससे संबंधित प्रश्न पूछे गए। हर वीडियो में किसी एक टॉपिक पर कई प्रश्न छिपे थे। आधे घंटे की मुख्य परीक्षा में प्रतिभागियाें को 20 बहुविकल्पीय प्रश्न व पांच दीर्घउत्तरीय प्रश्नों को हल करना था। सभी प्रश्न भारतीय संस्कृति व नैतिक शिक्षा पर आधारित रहे। सुबह नौ बजे से लेकर शाम छह बजे हुई परीक्षा में युवाओं ने उत्साहित होकर शामिल हुए। परीक्षा का परिणाम पांच अगस्त को यूट्यूब चैनल के इवाल्व 108 पर लाइव घोषित किया जाएगा। इस्कॉन मंदिर के मीडिया प्रभारी कुर्मावतार दास ने बताया कि परीक्षा में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।

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