अवध प्रान्त का विशेष व्यंजन

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खरिका

अवध क्षेत्र में विभिन्न समारोह के पारम्परिक व्यंजनों में से एक व्यंजन खरिका होता है।प्राचीन काल में मुंडन संस्कार ,जनेउ संस्कार ,विवाह एवं  अन्य समारोहों की मिठाई में इसको एक तरह से अनिवार्य रूप से बनाया जाता था।यह खाने में अति स्वादिष्ट होता है।इसको परिवार की महिलाओं द्वारा ही बनाया जाता था।
सामग्री-
1-मैदा-1कप(250 ग्रा.)
2-घी-2 कप(500 ग्रा.)
3-दूध-1 ली.
4-चीनी-1कप(250 ग्रा.)
5-काजू
6-चिरौंजी
7-गरी
8-किशमिश
विधि-सबसे पहले 1 कप मैदा किसी बड़े बर्तन में लीजिए।उसमें 2चम्मच धी (चाय के )डाल कर हथेली से मसल कर खूब मिला लीजिए।घी की मात्रा पर्याप्त है, यह जानने के लिये  घी मिले आटे को हाथ में लेकर मुट्ठी बाँधने पर आटा बंध जायेगी,तो ठीक है नही तो घी और मिलाए।फिर आटे को थोड़ा टाइट (पूड़ी के आटे की तरह)गूँथ लेते हैं।गुँथे आटे को 5 मिनट के लिये कपड़े से ढक कर रख दें।

इस बीच दूध को गैस पर गर्म करने को रख देते हैं।आधा होने तक उसको गाढ़ा करते हैं। अब आटे की लोइ काट लें।एक लोइ लेकर चकले पर गोल रोटी से थोड़ा मोटा बेल लेतें हैं।फिर 1-1इंच चौड़ी पट्टी काट लेतें हैं।फिर एक पट्टी हथेली में लेकर एक मोटे किनारे के चाकू से इस1-1 मिली मी. चौड़ाई के पतली-पतली पट्टी चाकू से धुमा कर काट लें।इससे ,पट्टी कुछ गोल शेप में कटेगी।इस तरह से सारी पट्टियों से 1-1 मिली मी. की पट्टियाँ काट कर रख लें। अब कढ़ाई में घी चढ़ा देते हैं।घी जब खूब गरम हो जाय तो गैस को धीमा कर दें। अब कढाई में थोड़ा-थोड़ा डालकर धीमी आँच पर तल कर निकाल लें।इसी तरह सब तल कर निकाल लेतें हैं।
अब अलग-अलग सभी मेवों को हल्का तल कर निकाल लिया।फिर किशमिश़ को छोड़कर सब मेवों को काट लेतें हैं ।दूध जब गाढ़ा हो जाय तो उसमे चीनी डाल देते हैं और 2-3 मि. तक उबाल लेते हैं।गैस बन्द कर इसमें थोड़ी कटी मेवा डाल  देते हैं।1मि.बाद उसमें तली हुयी पट्टियों को डाल देतें हैं।किसी बर्तन में निकाल कर उस पर बाकी मेवों को ऊपर से सजावट के डाल दिया।
खाने में अति स्वादिष्ट लगता है।

नोटःचीनी व मेवा स्वादानुसार ले सकतें हैं।

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