- कानपुर के राजकीय जेके कैंसर संस्थान में हुए अध्ययन का आया परिणाम, सात माह के सर्वे में मिले तथ्य
प्रारब्ध रिसर्च डेस्क
अब भारत में स्वच्छता की आदत, स्वास्थ बनाने की ओर बढ़ते कदम। स्वच्छता से महिलाओं के ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर में आई कमी एक सुखद परिणाम है। कानपुर, उत्तर प्रदेश स्थित राजकीय जेके कैंसर संस्थान के अध्ययन में साबित हुआ है कि स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान के चलते गर्भाशय मुख ( ग्रीवा) में होने वाले कैंसर के मामले कम हुए हैं।
संस्थान में 3 साल से चलाए गए स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम के बाद किए गए अध्ययन के आंकड़े बता रहे हैं कि यहां पर कैंसर के मामले में 30 प्रतिशत से घटाकर घटकर 10 प्रतिशत से नीचे आ गए हैं। सर्वाइकल कैंसर के 30 प्रतिशत मरीज जेके कैंसर संस्थान में हर साल पंजीकृत होते हैं। देर से आने की वजह से कैंसर काफी फैल चुका होता था जिससे इलाज में मुश्किल आती थी लेकिन अब मरीजों और मृतकों की संख्या में कमी दिखाई दे रही है।संस्था ने बताया कि संस्थान में स्वच्छता को लेकर जागरूकता के अभियान के अन्तर्गत यहां आने वाले मरीजों उनके परिजनों को सर्वाइकल कैंसर के कारणों और इस रोग से बचाव में साफ सफाई की भूमिका की अहमियत के बारे में समझाया गया।
अभियान का क्या असर रहा
संस्थान ने सात माह तक सर्वे किया। इस दौरान सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 5000 संदिग्ध मरीज आए। उनकी आदतों, खानपान, साफ-सफाई को लेकर सवाल किए गए। जरूरी जांच कराई गई। इनमें से सिर्फ 110 में ही कैंसर की पुष्टि हुई। ज्यादातर महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों की थी। उन्हें स्वयं की साफ-सफाई और खान-पान के प्रति जागरूकता नहीं थी। डाक्टर्स ने बताया कि अनियमित मासिक धर्म समेत कई लक्षण विलंब से सामने आते हैं। 45 से ऊपर की महिलाएं हर साल पेप्समीयर,काल्पोस्कोपी जाँच जरूर कराएं। व्यक्तिगत साफ सफाई एवं शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। मासिक धर्म के समय साफ -सुधरे पैड का इस्तेमाल करें।
जागरूकता का नतीजा
महिलाओं में स्वयं की सफाई के प्रति जागरूकता आई है। इसका ही नतीजा है कि 10 प्रतिशत से भी कम नए मरीज पंजीकृत हुए हैं। इस बीमारी का सफाई से सीधा संबंध है। ऐसे में जिसने सफाई का ध्यान रखा उसे यह समस्या नहीं आई।
प्रो. एमपी मिश्रा, पूर्व निदेशक, राजकीय जेके कैंसर संस्थान, कानपुर।
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