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Important News-दिल की बीमारी अब उम्र नहीं देखती। पहले 50-55 की उम्र में होने वाली दिल की बीमारी, अब 25- 40 वर्ष के युवाओं को चपेट में ले रही है। यह हकीकत बयां कर रहे हैं लक्ष्मीपत सिंघानिया ह्रदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) के आंकड़े, जहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों में 35 प्रतिशत युवा हैं। हृदय रोग संस्थान की ओपीडी में 10 साल पहले युवा रोगियों की संख्या 7 प्रतिशत थी, जिसमें तेजी से इजाफा हुआ है। बढ़ती संख्या से डॉक्टर भी हैरत में हैं।
यह लत बना रही बीमार
भोजन में तैलीय भोजन, जंक फूड (फास्ट फूड), कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक, धूम्रपान (स्मोकिंग), तंबाकू और अल्कोहल की लत बीमारी की वजह बन रही है। खान-पान के बदलाव से हृदय रोग बढ़ रहे हैं।
यह है स्थिति
धमनियों में ब्लॉकेज की वजह से 15 प्रतिशत युवाओं को तत्काल सर्जरी करनी पड़ती है। 60 प्रतिशत युवाओं का वाल्व रिप्लेसमेंट करना पड़ता है।Important News
जीवन में तनाव दिल की बीमारी को बढ़ा रहा है। इस उम्र में कैरियर बनाने और काम का सर्वाधिक दबाव रहता है, इसलिए देर रात तक लैपटॉप और मोबाइल पर लगे रहते हैं। ऐसे में उनकी दिनचर्या व खानपान अनियमित हो जाता है। इन नौजवानों का ज्यादा समय कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर काम करने में गुजरता है।
- प्रो. राकेश वर्मा, विभागाध्यक्ष, कार्डियक वैस्कुलर थेरेसिक सर्जरी, लक्ष्मीपत सिंघानिया ह्रदय रोग संस्थान।
मानसिक तनाव में रहने से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं जो हार्ट और उसकी धमनियों को डैमेज करते हैं। एक बार बीमारी होने पर मरीज को जीवन भर दवाओं का सेवन करना पड़ता है।
- डॉ. उमेश्वर पांडेय, इमरजेंसी प्रभारी, लक्ष्मीपत सिंघानिया ह्रदय रोग संस्थान।
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