संजीत अपहरण : जन्म दिन पार्टी के बहाने बुलाया, अपहरण और हत्या

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  • साथ काम कर चुके दो दोस्तों ने रची साजिश, महिला समेत पांच गिरफ्तार
  • शव की बरामगी को लेकर बुलाए गए पीएसी के गोताखोर, सफलता नहीं

प्रेसवार्ता करते एसएसपी व आईजी।
प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, कानपुर

एक माह पहले अपहृत पैथलॉजी कर्मचारी संजीत यादव को उसके दोस्तों ने जन्मदिन पार्टी के बहाने से बुलाया। शराब में नशीली दवा मिलाकर अपहरण कर लिया। उसे पांच दिन रतनपुर स्थित एक घर में बंधक बनाकर रखा। पांच दिन बाद जब उसने भागने की कोशिश की तो हत्या करके शव पांडु नदी के किनारे फेंक दिया। हत्या के बाद अपहरणकर्ताओं ने संजीत के परिवार से फिरौती के लिए संपर्क किया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी 30 लाख रुपये की फिरौती मिलने काे लेकर संशय बरकरार है।

पुलिस लाइन में शुक्रवार सुबह प्रेसवार्ता में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने एक महीने से चल रहे अपहरण की वारदात का खुलासा कर पटाक्षेप कर दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हत्याकांड में शामिल ईशू उर्फ ज्ञानेन्द्र यादव निवासी दबौली वेस्ट, कुलदीप गोस्वामी निवासी सरायमीता कच्ची बस्ती, नीलू सिंह निवासी गज्जा पुरवा, रामजी शुक्ला निवासी अंबेडकरनगर पानी की टंकी गुजैनी और प्रीती शर्मा निवासी कौशलपुरी को मयंक तिराहे पर अम्बेडकर नगर की तरफ से आते समय गिरफ्तार किया गया है। ज्ञानेंद्र और कुलदीप पहले संजीत के साथ एक पैथलाॅजी में काम करते थे। 22 जून को कुलदीप गोस्वामी ने अपने मोबाइल नंबर 9506733627 से संजीत यादव के मोबाइल पर 4 बार फोन किया। अंतिम काल शाम 7.47 बजे की थी। उसे ज्ञानेंद्र की जन्मदिन पार्टी कहकर धनवंतरी हास्पिटल के पास बुला लिया। संजीत नौबस्ता बाईपास से अपनी बाइक नम्बर UP-78-DL-9368 से अकेले निकला। पांच सौ मीटर दूर नहरिया के पास खड़े चारों लोग उसे मिल गए। इसके बाद सभी ज्ञानेन्द्र यादव की फोर्ड फिगो कार UP 78 CF 6577 में बैठ गए। नीलू ने संजीत की मोटर साइकिल ले ली।

बिलखती संजीत की मां और बहन।
रास्ते में एक बोतल शराब व बीयर खरीदी गई। वहां से सभी तात्याटोपे नगर आए। वहां पर अंडा व चिप्स लिया और सभी ने कार में बैठकर शराब पी। इसी बीच संजीत के पैग में प्लानिंग के तहत बेहोशी की दवा मिला दी गई। कुछ देर में ही संजीत बेहोश हो गया।

संजीत के बेहोश होने पर उसे रतनलाल नगर स्थित उस कमरे में ले आए, जो कि उन्हाेंने अपहृत को बंधक बनाने के लिए ही किराए पर लिया था। यहां पर उसे नशे के इंजेक्शन देकर बंधक बनाकर रखा गया। एसएसपी के मुताबिक 26 जून की रात संजीत ने भागने की कोशिश की। इस पर सभी ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। दूसरे दिन सुबह संजीत के शव को प्लास्टिक की बोरी में भरकर फोर्ड फिगो कार से ही पांडु नदी के किनारे फेंक आए। शव को ठिकाने लगाने के बाद 29 जून को फिरौती के लिए परिवार वालों से संपर्क किया। फोन कर उनसे 30 लाख रुपये मांगे।

एसएसपी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने बैग में फिरौती की रकम न होने की जानकारी दी है। संजीत के परिवार वाले आरोप लगा रहे हैं, इसलिए मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने अभियुक्तों की निशांदेही पर संजीत यादव की बाइक तात्या टोपे नगर तिराहे के पास झाडियों से बरामद कर ली है। बैग व अन्य सामान भी बरामद करने का प्रयास कर रहे हैं। शव की तलाश के लिए पीएसी के गोताखोर पांडु नदी में उतारे गए हैं। अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।

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