मनियर नपं ईओ आत्महत्या प्रकरण : जब कार्यालय में फफक पड़ीं मणि मंजरी राय

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  • नपं के ठेके पर तैनात बाबू की करतूतें उजागर, आठ साल में खड़ा किया आर्थिक साम्राज्य
  • नगर में तीन मंजिला मकान बनवाया, दोनों भाइयों के लिए अलग-अलग दुकानें भी खुलवाईं

प्रारब्ध न्यूज ब्यूरो, बलिया

जिले के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी (ईओ) मणि मंजरी राय की आत्महत्या प्रकरण की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। वैसे वैसे नए-नए तथ्य सामने आते जा रहे हैं। नपं के एक ठेके पर कार्यरत बाबू की कारगुजारियां और चेयरमैन की सांठगांठ भी सामने आई है। वर्ष 2012 में ठेके पर मामूली वेतन पर आए कंप्यूटर दक्ष बाबू ने आठ वर्षों में करोड़ों का आर्थिक साम्राज्य खड़ा कर लिया, जबकि पहले उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उसने नगर पंचायत क्षेत्र में अपना घर ही नहीं बनवाया, बल्कि दोनों भाइयों की दुकानें भी खुलवा दीं हैं।

नगर पंचायत में इस कंप्यूटर बाबू का खासा दबदबा है। उसे नपं चेयरमैन के साथ घूमता और उठता-बैठता है। ईओ के भाई ने मणि मंजरी राय की आत्महत्या के बाद चेयरमैन के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे में इस बाबू को भी नामजद किया है।

पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल

पुलिस की जांच में सवाल उठने लगे हैं। जांच में हीलाहवाली बरती जा रही है। मनियर के बाशिंदों के मुताबिक पुलिस जब चेयरमैन के आवास पर पहुंची तो बाबू कुछ देर पहले ही चेयरमैन की बाइक पर सवार होकर निकल गया। उसके हाथों में फाइलों का पुलिंदा भी था। उसकी चेयरमैन के साथ जाते क्लोज सर्किट टीवी कैमरे (सीसीटीवी) की फुटेज भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

आठ सालों में बनाया तीन मंजिला मकान

नपं में कार्यरत कंप्यूटर के बाबू का इस समय 15 हजार रुपये वेतन है। कंप्यूटर की अच्छी जानकारी होने पर पूर्व चेयरमैन संजय सिंह ने वर्ष 2012 में उसे पांच हजार रुपये वेतन पर ठेके पर रखा था। कंप्यूटर की अच्छी जानकारी होने की वजह से धीरे-धीरे नपं के ठेकेदारों के बीच पैठ बनाता चला गया। चुनाव के बाद तो नए चेयरमैन का सबसे खास हो गया। उसकी तेजी से बढ़ती संपत्ति को लेकर मोहल्ले में तरह-तरह की चर्चाएं भी होती हैं, लेकिन कोई मुंह खोलने की हिम्मत नहीं उठा पाता है।

बहुत खराब थी आर्थिक स्थिति

मनियर नपं सूत्रों के मुताबिक पहले उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उसके पिता राजमिस्त्री थे। उन्हीं की कमाई से परिवार चलता था। नपं में नौकरी मिलते ही इसके परिवार की स्थिति में अचानक बदलाव शुरू हो गया। देखते ही देखते नगर में 3 मंजिला मकान खड़ा कर लिया, जिसकी कीमत इस समय करोड़ों में आंकी जा रही है। उसने अपने दोनों भाइयों में से एक काे मेडिकल स्टोर और दूसरे को किराना की दुकान खुलवा दी।


मंजरी के आते गड़बड़ाया खेल

मनियर नपं सूत्रों की मानें तो दो वर्ष पहले ईओ मणि मंजरी राय के आने के बाद से कंप्यूटर बाबू का खेल गड़बड़ाने लगा। ईओ को उस पर शक हुआ तो उसकी निगरानी शुरू कर दी। वहां के कर्मचारियों का कहना है कि एक बार तो उन्होंने बाबू को कार्यालय से भगा दिया था। कुछ दिन बाद चेयरमैन के दबाव में दोबारा काम पर रख लिया। बताया तो यहां तक जा रहा है कि इसकी करतूतों से व्यथित होकर ईओ एक बार अपने कार्यालय में रोने लगी थीं। इसे तत्काल कार्यालय से बाहर कर दिया। उसके बाद से ईओ ने अपना कार्यालय अलग कर लिया था। वहीं से सीसीटीवी के माध्यम से इस पर नजर रखतीं थीं।


फाइलें तो चेयरमैन के यहां

पुलिस की टीम जब जांच करने नपं कार्यालय पहुंची तो वहां खलबली मच गई। कार्यालय में तैनात एक दूसरे कंप्यूटर बाबू से पूछताछ शुरू की। उसने बताया कि बड़े बाबू फाइलें लेकर चेयरमैन के यहां गए हैं। यह जानकारी होते ही पुलिस चेयरमैन के आवास पर पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने से पहले ही चेयरमैन अपने आवाज से बाइक द्वारा निकल चुके थे। उनके बाइक से फाइलें लेकर जाने का नजारा चेयरमैन के मकान के ठीक बगल में बने दूसरे मकान की सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया है। या सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस पर क्षेत्र के लोग खूब चर्चा कर रहे हैं।

चेयरमैन के घर दबिश

कोतवाली इंस्पेक्टर विपिन सिंह ने बताया कि हम लोग पूछताछ के इरादे से गए थे। अभी किसी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस मामले से जुड़ी फाइलें, लैपटॉप, मोबाइल कंप्यूटर आदि कब्जे में लिए हैं। उनकी जांच के बाद यदि जरूरी हुआ तो अन्य कार्रवाई की जाएगी। किसी को यह लग रहा है कि हम उन्हें गिरफ्तार करने वाले हैं तो यह गलत है। सभी लोगों को जांच में सहयोग करना चाहिए।

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