बेड के नीचे मोबाइल की रोशनी में डेढ़ महीने गुजारी रातें

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प्रारब्ध न्यूज डेस्क

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के छात्र के मन में पढ़ाई का ऐसा जुनून जागा की लॉक डाउन की छुट्टी में भी उसने अपने घर का रुख नहीं किया। वह अपने हॉस्टल के कमरे में डेढ़ माह तक बेड के नीचे छिप कर रहा। और तो और वह मोबाइल की रोशनी में रात में घंटों पढ़ते रहा। इस दौरान उसने अपने कमरे में न पंखा चलाया और न ही लाईट जलाई। अपनी भूख मिटाने के लिए रूखा सूखा खाता रहा। दिन के उजाले में  चुपचाप कमरे से बाहर निकलता और अपनी जरूरतों के सामान जुटाकर फिर चुपके से कमरे में चला जाता। पोल खुलने पर आईआईटी प्रबंधन ने उसे बाहर निकाला और उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराने के बाद घर के लिए रवाना कर दिया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत होते ही लॉकडाउन हो गया था। उसके बाद से देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया। छात्रावास भी खाली करा दिए गए। इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर ने भी अपने सभी छात्रावास खाली कराकर छात्रों को अपने-अपने घर जाने के निर्देश दिए। परंतु गुजरात निवासी एमटेक प्रथम वर्ष का छात्र अपने घर नहीं गया। उसने अपने छात्रावास के कमरे पर ताला लगाकर उसकी एक चाबी जमा कर दी और दूसरी चाबी अपने पास ही रख ली। उसके दरवाजे की कुंडी टूटी थी इसलिए उसके सहारे  संस्थान के अधिकारियों और सुरक्षा गार्ड को भ्रमित करता रहा। और रात भर अपने मोबाइल की रोशनी में बेड के नीचे बैठकर पढ़ाई करता था। इंडक्शन पर अपने लिए खाना भी बना लेता था। उसने दाल-चावल बिस्किट नमकीन के सहारे अपने दिन गुजार दिए।

दरवाजे की टूटी कुंडी के सहारे चुपचाप दबे पांव बाहर निकलता था। हाल में ही वह अपने कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गया। जब सुरक्षाकर्मियों ने कमरे का दरवाजा खुला देखा तो जांच पड़ताल की। कमरे के अंदर छात्र को देखकर आनन फानन अधिकारियों को सूचना दी। वार्डन वहां पहुंचे और छात्र को तत्काल आईआईटी के हेल्थ सेंटर ले गए। वहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण कराया। पूछताछ के दौरान छात्र ने बताया कि वह पढ़ाई करने के लिए यहां रुक गया था। उसे लग रहा था कि कुछ दिन बाद ही लॉकडाउन खत्म हो जाएगा, उसका आंकलन गलत निकला। धीरे धीरे कर लॉकडाउन बढ़ता चला गया। आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि छात्र का स्वास्थ परीक्षण कराया है। वह पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हैं। उसे सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था करा दी गई है।

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