लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद लोग मनोरोग विशेषज्ञों को तनाव,उलझन, नींद नहीं आना, एंग्जायटी डिसऑर्डर जैसी दिक्कतें बता रहे हैं। इस पर मनोरोग विशेषज्ञों की संस्था इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी ने मानसिक समस्याओं की कैटेगरी जानने को ऑनलाइन सर्वे कराया। वेबसाइट पर मरीजों से 6 से 24 अप्रैल के बीच जानकारी मांगी गई। इसमें 3000 से अधिक लोगों ने दिक्कतें बताईं। 1685 लोगों ने ही ऑनलाइन फॉर्म में पूरा ब्यौरा दिया इसलिए रिसर्च में उन्हें ही शामिल किया गया। देश भर के 650 मनोरोग विशेषज्ञों से समस्याओं के हर पहलू पर गहराई से मंथन कर निष्कर्ष निकाला।
निष्कर्ष
- 38.5 प्रतिशत को एंग्जायटी डिसऑर्डर ।
- 9.5 प्रतिशत लोग डिप्रेशन के शिकार हैं।
- 70 प्रतिशत लोगों में सर्वे में सिर्फ तनाव दिखा ।
- 40 प्रतिशत को डिप्रेशन व एंग्जायटी डिसऑर्डर दोनों ।
- 74 प्रतिशत सिर्फ नेगेटिव सोशल वेल- बीइंग(तरह-तरह के नकारात्मक विचार)।
- इंडियन साइकैटरिस्ट सोसाइटी के ऑनलाइन सर्वे में 33फीसद बढ़ी मिली मानसिक समस्याएं।
- देश के 650 मनोरोग विशेषज्ञों ने, मिले तथ्यों पर मंथन कर निकाला निष्कर्ष ।
- इंडियन जर्नल ऑफ साइकेट्रिक में प्रकाशित किया गया शोध।
कोरोना के कारण तनाव, डिप्रेशन एवं पैनिक अटैक बढ़ गया है। सर्वाधिक मरीज कोरोना से जुड़ी चिंता के कारण हैं ।किसी के मन में कोई डर या परेशानी है तो टेलीमेडिसिन के नंबर पर परामर्श ले सकते हैं।डॉ.गणेश शंकर,असिस्टेंट प्रोफेसर,मनोरोग विभाग,जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
ऑनलाइन सर्वे में हर बार में से तीन यानी 33 प्रतिशत लोग नकार नकारात्मक विचारों से घिरे मिले हैं। उनमें कैरियर एवं भविष्य को लेकर अनिश्चितता का डर व्याप्त है। सोसाइटी की वेबसाइट पर दिए 650 मनोरोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के मोबाइल नंबर एवं समय के आधार पर लोग निशुल्क परामर्श ले सकते हैं ।प्रोफेसर पीके दलाल ,अध्यक्ष इंडियन साइकेट्रिक सोसाइटी
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