डायबिटीज के उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए आधुनिक इन्सुलिन पंप थेरेपी काफी कारगर मानी जा रही है ।यह थेरेपी टाईप-1और टाइप-2 डायबिटीज में सही तरीके से रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को मैंनेज करती है। यहांं कंप्यूटराइज्ड सिरिंज की तरह है, जो 24 घंटे जरूरत के अनुसार रोगी के शरीर में इंसुलिन की मात्रा पहुंचाती रहती है। हाइपोग्लाइसीमिया कम करने में भी मदद मिलती है। यह स्वचलित इंसुलिन थेरेपी उनके लिए फायदेमंद है ,जो बाहर खाना खाते हैं और घूमते रहते हैं।
मोहाली के फोर्टिस अस्पताल की एंडोक्रोनोलोजिस्ट डॉ. गगन प्रिया के अनुसार यहां जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए जो इन्सुलिन इंजेक्शन टाइप 1 डायबिटीज और अनियमित टाइप-2 डायबिटीज के लिए दिए जाते हैं , वही बल्ड शुगर के स्तंभ सबसे ज्यादा उतार- चढ़ाव करते हैं। ऑस्ट्रेलियाई मेडिकल जर्नल के 2014 में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत में डायबिटीज के मामले बहुत ज्यादा हैं।
भारत में 62 मिलियन डायबिटीज से ग्रस्त मरीज हैं। यहां संख्या 2030 तक बढ़कर 79.4 मिलियन हो सकती है।
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